रामपुर।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के बाद अब बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है।उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की स्वार विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है।
बता दें कि पंद्रह साल पुराने छजलैट मामले में मोहम्मद आजम खान और बेटे समाजवादी पार्टी से स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने बाप बेटे पर तीन-तीन हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है।इस मामले में अन्य सात आरोपी साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिए गए।दो साल की सजा होने से अब्दुल्ला आजम की विधायकी जाती रहेगी।इसके पहले रामपुर की अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद नगर सीट से आजम की विधायकी जा चुकी है।
*जानें क्या है छजलैट मामला*
2 जनवरी 2008 में रामपुर के पूर्व विधायक मोहम्मद आजम खान अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। छजलैट थाने के सामने वाहन चेकिंग के दौरान आजम की गाड़ी पुलिस ने रोक ली थी। इसके विरोध में आजम और उनके बेटे स्वार-टांडा सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम सड़क पर धरने पर बैठ गए थे।इसकी सूचना मिलने पर आसपास के जिले से सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे।आरोप है कि आम जनता को उकसा कर सड़क जाम करते हुए बवाल किया था और सरकारी कार्य में बाधा डाली थी।
इस मामले में मोहम्मद आजम खान,बेटे अब्दुल्ला आजम, मुरादाबाद देहात विधान सभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम ऊल हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डीपी यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को आरोपी बनाया गया था।इस केस की सुनवाई साल 2019 से मुरादाबाद की एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट स्मृति गोस्वामी की कोर्ट में की जा रही थी।
विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल विश्नोई ने बताया कि अदालत पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया है। आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई है और तीन-तीन हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद देहात विधान सभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम ऊल हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डी पी यादव,पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है।
*जानें किन धाराओं में सुनाई गई सजा*
आईपीसी की धारा 353 में दो साल का कारावास और दो हजार रुपए जुर्माना।
आईपीसी की धारा 341 में एक माह का कारावास और पांच सौ रुपए जुर्माना।
7 क्रिमिनल अमेंटमेंड एक्ट में 6 माह पांच सौ रुपए जुर्माना।

Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist



