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किसी को तकलीफ व परेशानी देना इस्लाम नहीं सिखाता: मज़हर मियाँ

मदरसा सुल्तानुल हिन्द गरीब नवाज़ के 03 बच्चों ने मुकम्मल किया हिफ्ज़-ए-क़ुुरआन*
इटावा। इस्लाम अमन और मुहब्बत का पैगाम देता है, किसी को तकलीफ देना इस्लाम नहीं सिखाता। आज हमें अपना ऐसा किरदार समाज के सामने रखना होगा जो इंसानियत और भलाई की मिसाल बने।
उक्त बात हज़रत मज़हर मियाँ साहब द्वारा मदरसा सुल्तानुल हिन्द गरीब नवाज़ में आयोजित महफिल दुआए तक्मीले हिफ्ज़-ए-क़ुुरआन में व्यक्त की। उन्होंने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम में कोई भी ऐसा काम मना है जो किसी को तकलीफ या परेशानी का सबब बने। उन्होंने कहा कि आज देखा जाता है कि तमाम दीनी जुलूसों का आयोजन किया जाता है जिसकी वजह से सड़क जाम हो जाती हैं लोगों को निकलने में परेशानी होती है जो कि जायज़ नहीं है। हम जुलूस या कोई भी ऐसा प्रोग्राम जो सड़क पर आयोजित हो रहा है उसमें ऐसा इंतजाम करें कि सड़क पर चलने से लोगों को परेशानी न हो बल्कि जुलूस इत्यादि के दौरान सड़कों को इतना खुला रखें कि लोग आसानी से निकल सकें। उन्होंने कहा कि हमारा किरदार ही हमारी पहचान है हम सभी को समाज में ऐसा किरदार अदा करना चाहिए जिसमें इंसानियत, भाईचारा और लोगों को प्यार दिखे।
कार्यक्रम में हज़रत मज़हर मियाँ द्वारा मदरसे के 03 तालिबे इल्म मुहम्मद ज़ैद, मुहम्मद अयान व मुहम्मद सलमान को हिफ्ज़ मुकम्मल किए जाने पर दुआओं से नवाज़ा व उनको इनामात वितरित किए तथा बच्चों को हिफ्ज़ मुकम्मल कराने वाले उस्ताद क़ारी वासिल रज़ा व कारी शाहवाज़ अनवर को उनकी बच्चों के प्रति मेहनत की तारीफ की। कार्यक्रम में मौलाना जाहिद रज़ा, मौलाना नाजि़म रज़ा सहित शहर के तमाम मस्जिद के पेश इमाम इत्यादि शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन हाफिज़ अरशद हुसैन द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम सफल बनाने में आसिम हुसैन, अमानउल्ला, शाहिद, अनवार अब्बासी, रईस बाबू, मुहम्मद इमरान आदि का विशेष सहयोग रहा।

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