
भोपाल(राज्य ब्यूरो)। तीन दशक से तेंदुआ स्टेट का दर्जा रखने वाला मध्य प्रदेश इस बार भी इसे बरकरार रखेगा। वर्ष 2022 की बाघ गणना के दौरान प्रदेश में 4100 से अधिक तेंदुआ गिने गए हैं। तेंदुओं की संख्या इसी के आसपास रहने की उम्मीद है। बता दें कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर 29 जुलाई को बाघ आकलन 2022 की रिपोर्ट जारी कर रहा है।
यह विस्तृत रिपोर्ट होगी, जिससे प्रदेश में बाघ-तेंदुओं की संख्या पता चल सकेगी। उल्लेखनीय है कि बाघ आकलन 2022 की प्रारंभिक रिपोर्ट 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के मैसूर में जारी की थी, इसमें देश में बाघों की संख्या 3167 बताई गई थी। यह संख्या केवल ट्रैप कैमरों से ली गई फोटो के आधार पर थी।
वहीं तेंदुओं की संख्या जारी नहीं की गई थी। विस्तृत रिपोर्ट में जंगल में बाघ-तेंदुओं की उपस्थिति के प्रमाण और ट्रैप कैमरों से उपलब्ध फोटो के आधार पर संख्या बताई जाएगी। वर्ष 2018 की बाघ गणना की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 3421 तेंदुए हैं, जो देश में सबसे अधिक हैं।
वन अधिकारियों का कहना है कि पिछले चार सालों में प्रदेश में बाघ और तेंदुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। अब उन क्षेत्रों में भी बाघ-तेंदुए देखे जा रहे हैं, जहां पहले कभी नहीं दिखाई देते थे। इससे अनुमान है कि तमगा बरकरार रहेगा।

Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist



