
इटावा । इटावा सफारी पार्क ने दिनांक 06 जुलाई 2023 को बब्बर शेरनी सोना से जन्में शावक को खो दिया। विगत दिनांक 12 अगस्त की रात्रि लगभग 08.00 बजे अचानक शावक को बुखार, पेट में दर्द एवं सांस लेने में परेशानी हुई जिसके बाद दो घण्टे के अथक प्रयासों के बावजूद रात्रि लगभग 10.00 बजे शावक का दुखद निधन हो गया। ज्ञात हो कि,बीती 06 जुलाई 2023 को बब्बर शेरनी सोना ने इस शावक को जन्म देने के बाद से इसे मुड़कर भी नहीं देखा था जिसके बाद सफारी पार्क प्रबन्धन द्वारा ससमय निर्णय लेते हुए शावक को सोना के उस सैल से अलग कर नियोनेटल केयर यूनिट में देखभाल हेतु रखा गया था जहां सफारी पार्क प्रबन्धन द्वारा दिन रात एक कर नन्हें शावक की 36 दिन तक पूरी देखभाल की गयी। इन 36 दिनों के कठिन परिश्रम में कई ऐसे दौर आये जिसमें शावक का स्वास्थ्य बिगड़ा परन्तु शावक की देखरेख में मुस्तैद कर्मचारियों द्वारा शावक की हर परेशानी दूर की गयी। विभिन्न पशुचिकित्सकों का तो यह भी मानना था कि जिस प्रकार की देखभाल सफारी पार्क प्रबन्धन द्वारा शावक को दी जा रही है यह पूरे देश में एक उदाहरण के तौर पर प्रथम पूर्ण मानव देखभाल से बड़ा हुआ शेर बनकर इटावा सफारी पार्क प्रबन्धन को मिसाल के तौर पर विश्वपटल पर स्थापित करेगा। परन्तु दिनांक 12.08.2023 को काल के पंजे ने इस नन्हें शावक को अपना ग्रास बना ही लिया और सफारी पार्क में पुनः प्रजनन से जन्में सेवक की मृत्यु ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया। मथुरा पशु चिकित्सा संस्थान से पधारे पशु चिकित्सक एवं चिकित्सा संस्थान के विभागाध्यक्ष आर पी पांडेय ने बताया कि इस नन्हे शावक जिसे शेरनी ने पैदा होते ही त्याग दिया था ने रात्रि में मरने से पूर्व लगभग 70 ml दूध पीने के बाद उल्टी की थी जो की इसकी श्वांश नली में प्रवेश कर गई जिसकी वजह से भी उसे परेशानी हुई उसे बुखार भी था जिसकी दवा भी उसे दी गई थी। शावक के पोस्टमार्टम में उसकी सांस की नली और फेंफड़ों में कुछ फटे दूध जैसा मिलता जुलता पदार्थ मिला है। इसके अलावा शावक के अन्य अंगों के विसरा सैंपल के साथ साथ रक्त के नमूनों की भी जांच की जा रही है जिससे पता चल सकेगा कि, नन्हें शावक की मौत का अन्य कोई कारण तो नही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, किसी प्रकार के वायरस या बेक्टिरियल इन्फेक्शन की अभी कोई पुष्टि नही हुई है लेकिन इस बारे में कुछ भी पैथोलॉजिकल जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कहा जा सकता है। डायरेक्टर सफारी दीक्षा भंडारी ने कहा कि, सफारी प्रशासन अन्य शेरों की सुरक्षा व्यवस्था और उनके स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है। चिकित्सकों की पर्याप्त उपलब्धता पर उन्होंने कहा कि, सभी हमारे पास एक ही चिकित्सक है एक और की तैनाती सितम्बर तक हो जायेगी फिलहाल सफारी में पशु चिकित्सकों के दो पद अभी खाली है। प्रेस वार्ता में सफारी के डिप्टी डायरेक्टर जे पी सिंह, पशु चिकित्सक डॉ रोबिन सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा।

Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist



