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राजकीय इंटर कालेज में आयोजित हुआ सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम सर्पमित्र डॉ आशीष ने बच्चों को विस्तार से दी सर्पदंश पहचान और उपचार की महत्वपूर्ण जानकारी

झाड़ फूंक से जाए जान,एंटीवेनम ही बचाए प्राण : सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी

इटावा। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन व बेसिक शिक्षा अधिकारी के सगयोग से जनपद इटावा में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) द्वारा आयोजित स्कूल सेफ्टी (एसएस), एसडीएमपी स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान के तहत राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान,सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम राजकीय इण्टर कालेज, इटावा में शैक्षणिक स्टाफ सहित लगभग दो सैकड़ा से भी अधिक स्कूली छात्र छात्राओं की उपस्थिति में आयोजित हुआ।

सर्पमित्र डॉ आशीष ने बच्चों को विस्तार से दी सर्पदंश पहचान और उपचार की महत्वपूर्ण जानकारी

उक्त जागरूकता कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने सभी शिक्षक शिक्षिकाओ एवं छात्र छात्राओ को सर्पो की पहचान और फर्स्ट एड उपचार सम्बन्धी विशेष प्रशिक्षण देते हुये बताया कि,भारत मे हर साल सर्पदंश से लगभग 64,000 लोग असमय ही मरते है जिनमे से ज्यादातर लोग सही समय से सही इलाज न मिलने से ही मर जाते है। उत्तर प्रदेश में सर्पदंश से लगभग 16,100 लोग प्रति वर्ष मरते है उन्होंने कहा कि,आपके स्कूलों में व घरों के आस पास चूहों और मेंढकों को सूंघकर ही उनके पीछे अक्सर सर्प चले आते है। अतः हमे अपने अपने घर एवं स्कूलों में साफ सफाई स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना चाहिये। उन्होंने कहा कि, कृपया बरसात के इस मौसम में वेहद ही सावधान रहें क्यों कि कभी सर्प आपके बाहर रखे हुए जूते में भी छिप सकता है व अपको काट सकता है । वैसे तो छोटे बड़े सर्प अक्सर ही हमारे आस पास दिखाई दे ही जाते है और हम भयभीत होकर अनजाने में सर्पदंश का शिकार भी हो जाते है लेकिन ऐसी स्थिति में हमे बिल्कुल भी घबराना नही चाहिए क्यों कि,सभी सर्प जहरीले भी नही होते है। डॉ आशीष ने विशेष रूप से ग्रामीण बच्चों से कहा कि,हमेशा ध्यान रखना कि, कोबरा या करैत के दंश का इलाज झाड़ फूँक कभी नही होता बल्कि सिर्फ एंटीवेनम ही होता है,साथ ही बताया कि,सभी सर्प किसान मित्र होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन के साथ हमारे खाद्यान्न भंडार को चूहों और हानिकारक कीड़ों से सुरक्षित बनाए रखने अपनी अहम भूमिका निभाते है अतः सर्पों को कभी भी मारना नहीं चाहिए।

कार्यक्रम में संस्था ओशन के डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर,डॉ पीयूष दीक्षित ने प्रश्नोत्तरी पहर में सामाजिक अंधविश्वास विषय पर सभी बच्चों को जागरूक कर उनका अंधविश्वास दूर किया।

प्रधानाचार्य पूरन सिंह पाल ने कहा कि, सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही ज्ञानवर्धक और उपयोगी है

कार्यक्रम में प्रधानाचार्य पूरन सिंह पाल ने कहा कि, आज का यह विशेष सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही ज्ञानवर्धक रहा इसके माध्यम से हमारे विद्यालय के सभी शिक्षकों व छात्र छात्राओ का सर्पों और अज्ञात सर्पदंश के प्रति भय समाप्त हो गया है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सर्पदंश राज्य आपदा भी घोषित है, उस परिपेक्ष्य में यह जागरूकता कार्यक्रम समाज मे सर्पदंश से होने वाली जनहानि रोकने के लिये बेहद ही महत्वपूर्ण है,आज बच्चों ने सर्पों को पहचानने के साथ साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी त्वरित प्राथमिक उपचार एवं पट्टी करना भी सीखा साथ मे यह भी जाना कि सर्पदंश के बाद के इलाज के लिए उन्हें जिला अस्पताल इटावा के इमरजेंसी वार्ड के कमरा नम्बर तीन में जल्द से जल्द ही पहुंच जाना चाहिये। उक्त विशेष जागरूकता कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चों सहित विद्यालय के प्रधानाचार्य पूरन सिंह पाल सहित शिक्षकगणों में वी के पाल, श्रीमती रीना कुमारी श्रीमती विमलेश कुमारी, डॉ निधि चतुर्वेदी, मनीष कुमार,सतीश चंद्र पोरवाल, चंद्रपाल सिंह, रवि बघेल, महेंद्र सिंह पाल, सचिन जैन,मंजू पाल, कंचन देवी,श्वेता अग्निहोत्री, प्रमोद कुमार कुशवाहा, राजीव कुमार पाल, ऋतंभरा यादव आदि मौजूद रही।

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