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आवासीय परिसर में निकले खतरनाक करैत सांप का हुआ सुरक्षित रेस्क्यू

सर्पमित्र डॉ आशीष के कुशल निर्देशन में किया गया सर्प का सुरक्षित रेस्क्यू

इटावा । इटावा पुलिस लाइन के सायबर क्राइम सैल मैं कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात एवं सैफई थाना के आवासीय परिसर में बने टाइप 2 क्वाटर में रह रहे हेड कांस्टेबल अभय सिंह यादव के घर की किचिन के दरवाजे के टीक पीछे एक 2 फीट लम्बा करैत सर्प कहीं से आकार छिप कर बैठ गया जिसे उनकी 3 साल की बेटी अक्षिता ने देख लिया तभी अभय ने सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को उनके व्हाट्सएप नम्बर पर सर्प की फोटो तत्काल भेजी जिसकी पहचान सर्पमित्र द्वारा बेहद ही खतरनाक करैत सर्प के रूप में हुई तत्पश्चात डॉ आशीष ने अभय को बेहद ही सावधान और शान्त रहने को कहा और बराबर उनके पास पहुंचने तक सर्प को सावधानी से काबू में रखने के दिशा निर्देशन देते रहे तब तक अभय ने सूझ बूझ से उस खतरनाक सर्प को एक मोटी सी पॉलिथीन में सुरक्षित रूप से बंद कर लिया और तत्काल उसे ले जाकर उसके प्राकृत वास में सुरक्षित छोड़ भी दिया।

पुलिसकर्मी अभय ने सर्पमित्र डॉ आशीष को दिया विशेष धन्यवाद

अभय के परिवार में पत्नी के अलावा दो छोटी बच्चियां भी है जिनकी उम्र तीन साल और एक साल दो माह की है। अभय ने सर्प के सफल रेस्क्यू का फोन पर ही सही दिशा निर्देशन देने के लिए सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी का विशेष आभार प्रकट किया है।

एसएसपी संजय वर्मा ने भी की थी वन्यजीव संरक्षण की अपील

ज्ञात हो कि,इससे पूर्व एसएसपी आवास में जब सर्पमित्र डॉ आशीष ने विषहीन घोड़ा पछाड़ सर्प को रेस्क्यू किया था तब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा ने भी जनता से किसी भी प्रकार के सर्पों को न मारने की अपील की थी उन्होंने कहा था कि,सभी वन्यजीवो को सुरक्षित रखना हम सभी का ही कर्तव्य भी है। यदि विषम परिस्थितियों में कभी कोई सर्प या वन्यजीव कहीं दिखाई दे तो सुरक्षित रेस्क्यू करने वाले व्यक्ति या सर्पमित्र से सहायता ली जा सकती है।

सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने की जनपद वासियों से विनम्र अपील

मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने सभी जनपद वासियों से निवेदन किया है कि, यह खतरनाक करैत सर्प एक साइलेंट किलर सर्प होता है जिसके दांत बेहद छोटे होते है और कभी कभी तो इसके काटने के निशान भी साफ नही दिखाई देते हैं लेकिन इसके काटने के 1 घंटे या 2 घंटे बाद मरीज को तेज पेट दर्द और उल्टियां अवश्य होती है साथ ही कुछ समय बाद बेहोशी अंधापन और लकवा भी हो जाता है और देर से इलाज मिलने पर मृत्यु भी हो जाती है । अतः कभी भी किसी को यदि कभी भी कोबरा या करैत का दंश हो जाए तो तुरंत ही हाथ या पांव में हल्का बंध लगाकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के कमरा नंबर 3 में लाकर एंटीवेनम लगवाना चाहिए। विषैले सर्पदंश में अंधविश्वास में आकर झाड़ फूंक कराना 100% जानलेवा ही होता है।

जन जागरूकता अभियान से आया जनपद में बड़ा बदलाव

जनपद इटावा में संस्था ओशन के महासचिव वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी के द्वारा लगातार चलाए जा रहे सर्पदंश जागरूकता अभियान का एक बड़ा असर हो चुका है कि शहरी एवम ग्रामीण लोग सर्पदंश के बाद झाड़ फूंक न कराकर जिला अस्पताल आकर अब इलाज कराने लगे है।

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