इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी की कोर्ट को अपर महाधिवक्ता ने बताया कि सरकार ने पूर्व गठित एसआईटी में रिटायर्ड जिला जज हरिनाथ को शामिल कर लिया है। प्रारंभिक जांच एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आने तक किसी भी पक्ष के विरुद्ध कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। लाठीचार्ज की घटना के विरोध में चल रही वकीलों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है।
सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी की कोर्ट को अपर महाधिवक्ता ने बताया कि सरकार ने पूर्व गठित एसआईटी में रिटायर्ड जिला जज हरिनाथ को शामिल कर लिया है। प्रारंभिक जांच एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि किसी भी पक्ष के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई एसआईटी की रिपोर्ट आने से पहले नहीं की जाएगी। साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं को दो टूक शब्दों में यह भी कहा कि मंगलवार से अदालतें काम करेंगी। हालांकि अधिकांश अधिवक्ता इस निर्णय से नाखुश दिखे। न्यायिक कार्य से विरत रहने के फैसले पर निर्णय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की बैठक में लिया जाएगा।
*बैठक जारी है* अधिवक्ताओं की तरफ से हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह, सचिव नितिन शर्मा ने बहस की। जबकि सरकार का पक्ष अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने रखा।
*क्या था मामला*
हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज को लेकर प्रदेश भर के अधिवक्ता सोमवार को प्रदेशव्यापी हड़ताल पर हैं। इससे वादकारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके पहले भी शुक्रवार को अधिवक्ता हड़ताल पर थे। लगातार कई दिनों से कोर्ट का कामकाज ठप है। लाठीचार्ज मामले में वकीलों के खिलाफ एकतरफा मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि वकीं की ओर से दी गई तहरीर पर किसी तरह की अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे वकील काफी आक्रोशित हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के साथ ही कचहरी के भी वकील न्यायिक कार्य से विरत हैं।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist