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सांसद राम शंकर कठेरिया ने हरी झंडी दिखा गंतव्य के लिए रवाना कर फफूंद स्टेशन के इतिहास को स्वर्णिम बना दिया।

दिल्ली लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस जैसे ही प्लेटफार्म नंबर दो फफूंद स्टेशन पर रुकी , लोगों के अंदर खुशी की लहर दौड़ गई ,स्वागत ऐसे हुआ जैसे कोई बिछुड़ा लौटा हो। ट्रेन को सांसद राम शंकर कठेरिया ने हरी झंडी दिखा गंतव्य के लिए रवाना कर फफूंद स्टेशन के इतिहास को स्वर्णिम बना दिया। अब शताब्दी रुक जाने के बाद क्षेत्र वासियों की उम्मीदों को पंख लग गए साथ ही अन्य बड़ी सवारी गाड़ियों के रोके जाने को लेकर बंधी उम्मीदें विश्वास में बदल गई।
जनपद में दिबियापुर स्थित गेल एनटीपीसी संस्थान के उच्च अधिकारियों के साथ-साथ आम जनमानस द्वारा द्वारा रेलवे से बड़ी सवारी गाड़ी रोके जाने के लिए कई बार प्रार्थना पत्र दिया गया। रेलवे द्वारा प्रति उत्तर में जल्द ही स्टॉपेज दिए जाने का आश्वासन भी दिया जाता रहा। लेकिन हुआ इसके उलट नई गाड़ियां मिलना तो दूर पुरानी चल रही कई एक्सप्रेस गाड़ियों के स्टॉपेज भी बंद कर दिए गए ।जिसके चलते रेल यात्रियों को बड़ी परेशानी होने लगी। जनपद वासियों ने रेलवे से समस्या का समाधान न होने पर क्षेत्रीय सांसद से यात्रियों को हो रही परेशानी से अवगत कराया और एक्सप्रेस गाड़ियों के स्टॉपेज कराए जाने के लिए कहा। क्षेत्रीय सांसद ने सक्रिय होकर रेल मंत्री,रेलवे बोर्ड से फफूंद में बड़ी सवारी गाड़ियों के स्टॉपेज देने की मांग की। सांसद के अथक प्रयास के बाद रेलवे ने बतौर ट्रायल शताब्दी रोकने की घोषणा कर दी।
इसके बाद एक नए विषय पर बहस शुरू हो गई । वहश शताब्दी के स्टॉपेज के श्रेय लेने को लेकर छिढ़ गई। आमजनमानस और भाजपाई शताब्दी के लिए सांसद को श्रेय दे रहे ,वहीं विरोधी शताब्दी स्टॉपेज को एनटीपीसी गेल के अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों का परिणाम बता रहे हैं।
यह सच है की इन संस्थाओं द्वारा शताब्दी की मांग एक अरसे से की जाती रही , लेकिन सच यह भी है की परिणाम सांसद के सक्रिय होने के बाद ही मिला ।
कारण कोई रहा हो ,शताब्दी फफूंद मैं रुक गई। जिसका फायदा एनटीपीसी, गेल कर्मचारियों के साथ-साथ जनपद के सभी निवासियों को मिलेगा।
ट्रायल शताब्दी स्टॉपेज होने बाद आम जनमानस की अन्य सवारी गाड़ियोंके स्टॉपेज को लेकर उम्मीदें बढ़ गई है।

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