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घोसी उपचुनाव में भाजपा की हार का कारण बने माफिया मुख्तार अंसारी,सपा ने किया खेल

म‌ऊ।उत्तर प्रदेश के म‌ऊ जिले की घोसी के घमासान में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने बड़ी जीत दर्ज की है।सुधाकर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दारा सिंह को भारी मतों से करारी शिकस्त दी है।घोसी उपचुनाव के नतीजे से उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन के ताप की भी आजमाइश हो गई।घोसी उपचुनाव चुनाव के नतीजे पर पूरे देश की नजर थी।घोसी में साइकिल बहुत तेज दौड़ी।

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भारत जनता पार्टी को जबरदस्त झटका लगा है।घोसी उपचुनाव में एनडीए बनाम इंडिया की लड़ाई में अखिलेश यादव भारी पड़ गए हैं, इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान 42,759 वोटों से हरकर घोसी में जीत का परचम लहराया है। सुधाकर सिंह को 1,24,427 वोट मिले, जबकि दारा सिंह चौहान को 81,668 वोट मिले।घोसी में सपा का पीडीए फॉर्मूला काम कर गया,लेकिन इतनी बड़ी जीत के पीछे एक बड़ी वजह बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को भी माना जा रहा है।

बताते चलें कि दारा सिंह चौहान बीते दिनों साइकिल से उतर कर भगवा खेमे में शामिल हो गए थे।भगवा खेमे ने दारा सिंह को अपना प्रत्याशी बना दिया।सपा ने सुधाकर सिंह को प्रत्याशी बना दिया।सपा ने सुधाकर सिंह के लिए घोसी चुनाव प्रचार में ऐड़ी से लेकर चोटी तक जोर लगा दिया। शिवपाल सिंह यादव कई दिनों तक घोसी डेरा जमाए रहे और पूरे चुनाव की रणनीति तैयार की।सपा को सभी जातियों का वोट मिला। मुस्लिम वोटरों ने सुधाकर सिंह को एकमुश्त होकर वोट दिया।

घोसी उपचुनाव में सपा की जीत का कारण माफिया मुख्तार अंसारी को भी माना जा रहा है। सियासी पंडितों के मुताबिक मुस्लिम वोटरों ने सपा का साथ दिया और उनका वोट नहीं बंटा।घोसी विधानसभा मऊ जिले में है।घोसी में अंसारी ब्रदर्स का जबरदस्त दबदबा है।मुख्तार अंसारी घोसी से पांच बार विधायक रह चुके हैं। मुख्तार अंसारी दिनों जेल में बंद हैं। योगी सरकार राज में मुख्तार अंसारी पर हो रही कार्रवाई से मुस्लिम वोटरों का मुख्तार अंसारी से भावनात्मक जुड़ाव और बढ़ गया है। घोसी उपचुनाव में जब मुस्लिम वोटरों को भाजपा का विरोध करने का मौका मिला तो वो पीछे नहीं हटे।

मोहम्मदाबाद के विधायक और मुख्तार अंसारी के भतीज मन्नू अंसारी ने भी घोसी में रहकर लगातार सपा के समर्थन में प्रचार किया।मन्नू ने सपा के पक्ष में मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई, जिसकी वजह से मुस्लिम वोट नहीं बिखरा।बसपा ने इस चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा जो सपा के पक्ष में गया।अगर बसपा अपना प्रत्याशी उतारती तो सपा के वोट कट सकते थे। ऐसे में इसका सीधा फायदा सुधाकर सिंह को हुआ।मुस्लिम वोटरों के अलावा राजभर और निषाद के इलाकों में भी सपा को बढ़त मिली। स्थानीय वोटर ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान के दल बदलने से नाराज दिखे।

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