इटावा। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अंतर्गत सराय दयानत शिवा कॉलोनी में बने एक घर के पास लगभग तीन फीट लम्बी व लगभग पांच किलो वजनी खतरनाक विस्खांपर अचानक कहीं से आ गई जिसे देखकर मकान मालिक गृहणी मौसमी पाल व आस पड़ोस के लोग बेहद ही डर गए। तब वरिष्ठ पत्रकार रवि बघेल ने डॉ आशीष को घर के पास विस्खांपर के मौजूद होने की सूचना दी। जनपद में वन्यजीवों का सुरक्षित रेस्क्यू कर आपदा प्रबंधन का कार्य कर रहे वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और मात्र 5 मिनट में ही उस विस्खापर (मॉनिटर लिजार्ड) को सुरक्षित पकड़ कर वन विभाग के निर्देशानुसार उसके प्राकृतवास में ले जाकर बिना किसी नुकसान पहुंचाए छोड़ दिया। घर वालों ने मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कॉर्डिनेटर वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को विस्खापर का सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए विशेष आभार व्यक्त किया। वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी ने सभी को जानकारी देते हुए बताया कि,आजकल के तापमान में हो रहे बदलाव के कारण ही ये वन्यजीव बैचेन हो रहे है साथ ही आस पास भोजन की कमी भी इन रेंगने वाले विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों को घरों में प्रवेश करने के लिए आकर्षित कर रही है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि, यह विस्ख़ापर बस देखने मे ही डरावनी लगती है जब सच यह है कि यह एक नितांत विषहीन प्राणी है जिसे भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित घोषित किया गया है । इसके अंदर किसी प्रकार का कोई भी विष नही पाया जाता है लेकिन यदि कभी यह किसी को काट ले इसकी ओरोफेरेंजीयल कैविटी में खतरनाक बैक्टीरिया मौजूद होने की वजह से काटने के बाद इलाज में लापरवाही करने से त्वचा में सिर्फ गैंगरीन (गलाव) ही हो सकता है किसी की मृत्यु नहीं होती है इसलिए किसी को भी घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है बल्कि काटे गए स्थान को अच्छी तरह से डिटोल से साफ करके कोई एंटीसेप्टिक क्रीम उस जगह पर लगा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, यह एक बेहद ही शर्मिला जीव है जो मनुष्यों को देखकर स्वयं ही कहीं न कहीं डरकर छिप जाता है। आजकल इनके इनके प्राकृतवास में आसपास बड़े पेड़ पौधे न होने या अत्यधिक गर्मी की वजह से भी ये अक्सर घरों में ठंडक की वजह से घुस रहे है। उन्होंने अनुरोध किया कि आप लोग वेवजह ही विस्ख़ापर से बिल्कुल भी न डरें। इसे मारने या नुकसान पहुंचाने पर वन्यजीव अधिनियम के तहत सुसंगत धारा के अंतर्गत कठोर कार्यवाही व जुर्माने का भी प्रावधान भी है।
विदित हो कि, डॉ आशीष त्रिपाठी पिछले कई वर्षों से इटावा जनपद में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये स्कूलों कालेजों में छात्र छात्राओं के बीच जाकर विशेष सर्पदंश जागरूकता अभियान भी चला रहे है। जिसका बड़ा असर यह हुआ है कि, कई प्रकार के वन्यजीवों को अब जीवनदान मिल रहा है व संस्था ओशन के द्वारा लगातार की जा रही जन जागरूकता के कारण लोगो ने वन्यजीवों को अब मारना ही छोड़ दिया है और अब ज्यादातर ग्रामीण किसी भी झाड़ फूंक में न पड़कर सीधे जिला अस्पताल आकर सर्पदंश का इलाज भी कराने लगे है।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist