
इटावा जनपद में ऐसा कोई गांव,कस्बा, नगर,गली, मोहल्ला नही बचा है जहां के किसी परिवार का सदस्य बुखार से पीड़ित न हो।सरकारी अस्पताल में जांच,इलाज के अभाव में जनपद मे जगह जगह अपने क्लीनिक, अस्पताल, दुकान की तरह सजाये बैठे डाक्टरों की बाढ़ सी आयी हुई है
जिनपर स्वयं डिग्री के नाम पर कुछ भी नहीं है अस्पताल स्टाफ भी मानक के अनुसार नही है
लेकिन अस्पतालों मे मरीज के लिए बेड इस तरह से लगाए गए है की जैसे उन सभी अस्पतालों को इटावा जनपद के मुख्य चिकत्सा अधिकारी ने जनपद के मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी दे रखी हो
क्या अधिकारियो का इस ओर ध्यान नहीं है कि इन अस्पतालों में तलघर तक में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है उनकी पैथोलॉजी,एक्सरे,दवाइयों की दुकान भी है और कोई सूची भी नही है किस इलाज या जांच का क्या खर्च है? ये कार्य बिना अधिकारियो के सहयोग से नही हो सकता है इन अस्पतालों को चलवाने मे प्रमुख भूमिका इन अधिकारियों की ही है
इस समस्या पर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए *जिला समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता उदय भान सिंह यादव* ने कहा की सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों की संख्या 288, है और प्राइवेट अस्पताल में डेंगू मरीजों की भरमार है।प्राइवेट अस्पतालों पर इसीलिए अभी तक कोई कठोर कार्यवाही नहीं हो रही है क्योंकि या तो अधिकारी देखकर भी उदासीन बने हुए है यहां मरीज लूटा जा रहा है और उसे जान से भी जाना पड़ रहा है प्रशासन पंजीकृत अस्पतालों से डेंगू के मरीजों की संख्या प्रतिदिन मंगवाए जिससे मरीजों की सही संख्या मिल सकती है।और शिविर लगाकर जांच करवाएं और प्राइवेट अस्पताल की नियमित जांच हो,अगर ऐसा नहीं करते है तब या फिर अधिकारी किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहे है।

Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist



