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शिक्षकों संग प्रधानों ने भी सीखा आपदा में क्या करें,क्या न करें बढ़पुरा ब्लॉक में आयोजित हुआ आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम

इटावा। भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित विभिन्न आपदाओं से बचाव हेतु जनपद इटावा में दिनांक 02.11.2023 से 07.11.2023 तक आयोजित होने वाले प्रशिक्षण कायर्क्रम में ग्राम पंचायत, प्रतिनिधि, सचिव, राजस्व कानूनगो, लेखपाल एवं प्राथमिक विद्यालय/ उच्च प्राथमिक विद्यालय/माध्यमिक/डिग्री कालेज के शिक्षकों को आपदा से बचाव के सम्बन्ध में जिला प्रशासन द्वारा सभी विकास खण्डों में विशेष आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिसके अन्तगर्त जनपद इटावा के समस्त 08 विकास खण्डों में कुल 790 प्रतिभागियों को विभिन्न चयनित 11 मास्टर ट्रेनर द्वारा समस्त दैवीय आपदाओं जैसे-लू प्रकोप, वज्रपात, आंधी तूफान, भूकम्प,सर्पदंश, नाव दुर्घटना,सड़क दुर्घटना, आदि के सम्बन्ध में क्या करें/क्या न करें सहित बचाव एवम सावधानी के सम्बन्ध में विशेष जानकारी प्रदान की गई। इस विशेष प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदा से उत्पन्न खतरों पर बुनियादी समझ प्रदान करने के साथ साथ आपदा जोखिम के न्यूनीकरण पर जागरूकता प्रदान करना है।

इसी क्रम में आज विकास खण्ड बढ़पुरा इटावा के प्रेरणा सभागार में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ।
जिला आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर रहे डॉ आशीष त्रिपाठी एवम आनंद कुमार मिश्रा ने विकास खण्ड बढ़पुरा के प्रेरणा सभागार में उपस्थित प्रशिक्षर्थियो को विभिन्न महत्वपूर्ण राज्य आपदा विषयों पर प्रशिक्षित किया।

मास्टर ट्रेनर्स ने दी विशेष ट्रेनिंग

प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में मास्टर ट्रेनर आनंद कुमार मिश्रा ने प्रतिभागियों को अग्नि,बाढ़ लू,सूखा,भूस्खलन,वज्रपात,गैस रिसाव,ओलावृष्टि,बोरवेल, साईक्लोन,नावदुर्घटना,शीतलहर,महामारी के विषय में प्रशिक्षित किया।

द्वितीय सत्र में सर्पदंश उपचार विषय पर चर्चा करते हुए मास्टर ट्रेनर वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने आपदा प्रबंधन के अंतर्गत आने वाली विभिन 11 राज्य आपदाओं के क्रम में सर्प पहचान,सर्पदंश बचाव और सर्पदंश होने पर क्या करें क्या न करें ? के बारे में सभी प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी और सर्पदंश में रोगी को प्राथमिक उपचार देने का विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया। साथ ही उन्होंने कहा कि,किसी भी प्रकार विषहीन या विषधारी सर्प के सर्पदंश में हमे कभी भी बिल्कुल घबराना नहीं चाहिए । अंधविश्वास या बहकावे में आकर किसी तांत्रिक या ओझा से कोई भी झाड़ फूंक भी नहीं कराना चाहिए बल्कि,सर्पदंश होने के एक घण्टे के अंदर ही अपने क्षेत्र के नजदीक सीएचसी/ पीएचसी या जिला अस्पताल तक जल्द से जल्द पहुंचने का पूरा प्रयास करना चाहिए। यदि आपको कोई विषैला सर्प काट ले तो तुरन्त ही रोगी को समय से अस्पताल ले जाकर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक के अनुसार ही एंटी वेनम लगवाना चाहिए, साथ ही उन्होंने बताया कि, सर्पदंश से मृत्यु होने पर पीड़ित के परिवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता नियमानुसार भी दी जाती है।

शिक्षक प्रधान,सचिव सहित लेखपाल,कानूनगो रहे उपस्थित
इस प्रशिक्षण में कुल 59 प्रतिभागियों मे से 58 उपस्थित हुए। प्रशिक्षण में ही सभी प्रतिभागियों को विशेष आपदा प्रबंधन किट भी वितरित की गई।
प्रशिक्षण में सभी प्रशिक्षुओ ने विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से बचने के क्रम में मास्टर ट्रेनर्स से क्या करें और क्या न करें की बातों को बड़ी ही गंभीरता से सीखा और समझा। उक्त प्रशिक्षण सुबह 10 बजे से प्रारम्भ होकर शाम 4:30 पर समाप्त हुआ।

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