
गोरखपुर।दीपावली रविवार को है।बाजार में दीपक की जबरदस्त बिक्री हो रही है।अपने घर में हर कोई दीपावली की रात दीपक जलता है।दीपावली पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गृह जनपद गोरखपुर में रहते हैं।सीएम हर पर्व गोरखनाथ मंदिर में मानते हैं,लेकिन दीपावली का दीपक गोरखपुर के वनटांगिया गांव में जलाते हैं।दरसअल वनटांगिया गांव के लोगों से सीएम का अलग संबंध है।इस गांव के लोग सीएम को राम मानते हैं। गांव के लोग कहते हैं कि राम नहीं आए तो गांव में दिवाली कैसी।इस वजह से सीएम हर साल वनटांगिया गांव जाते हैं और दिवाली का दीपक जलाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार वनटांगिया गांव की कहानी ब्रिटिश काल से जुड़ी हुई है।ब्रिटिश हुकूमत यहां पर रेल पटरी बिछाने के लिए साखू के पेड़ों की कटाई करवा रही थी।इसके बाद जंगल में साखू के पेड़ों को फिर से तैयार करने और उनकी देखरेख के लिए 1918 में गरीब भूमिहीन मजदूरों को जंगल में बसाने का काम किया। 5 बस्तियां बसाई गई थी।इसमें जंगल तिकोनिया नंबर 3, रजही खाले टोला, रजही नर्सरी, आमबाग नर्सरी और चिलबिलवा है। इन लोगों को जंगल में पेड़ की देखरेख और काम करने की जिम्मेदारी दी गई।यह लोग वर्मा देश के टांगिया विधि का इस्तेमाल किया करते थे।इसलिए वन में रह कर काम करने वाले इन लोगों को वनटांगिया कहा गया। इन्हीं के नाम पर यह गांव बसे हैं।गोरखपुर और महाराजगंज में लगभग 23 वनटांगिया गांव हैं।
15 साल से दिवाली पर आ रहे सीएम
कोटेदार राम गणेश ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साल 2009 से कुसमी जंगल स्थिति वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर 3 के गांव में दिवाली मनाते हैं।यहां के लोग भी हर साल दिवाली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भगवान प्रभु राम की तरह इंतजार करते हैं।राम गणेश ने कहा कि बच्चों से लेकर बुजुर्ग हर कोई यह कहता है कि अगर मुख्यमंत्री नहीं आए तो गांव में एक भी दीपक नहीं जलेगा। इस गांव के हर घर में दीपक योगी बाबा के नाम से जलाए जाते हैं।राम गणेश ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बतौर सांसद रहते हुए भी इन गांवों के लोगों के लिए लड़ाई लड़ी थी।आज वनटांगिया के 23 गांव में विकास के साथ शिक्षा की हर कसर पूरी कर दी है। यही नहीं जब वन विभाग इन जंगलों से उजाड़ रहा था, तब भी बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ ने लड़ाई लड़कर इनको यहां बसाया था।इस बार भी मुख्यमंत्री योगी यहां आएंगे।

Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist



