लखनऊ।उत्तर प्रदेश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से जिस कैनरा बैंक अकाउंट में 30 दिनों में करीब 70 लाख रुपए की फंडिंग की गई है, उस बैंक अकाउंट को बिहार के पश्चिमी चंपारण के शिकारपुर का रहने वाले इजहारुल हुसैन ऑपरेट कर रहा था।उक्त बैंक अकाउंट पर इजहारुल का मोबाइल नंबर भी मिला है।
इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश गिरफ्तार 7 संदिग्ध आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर हुआ।इसी इनपुट के आधार पर एटीएस गाजियाबाद की टीम ने शिकारपुर पहुंचकर इज़हारुल से पूछताछ की थी,जिसमें अहम सुराग मिले हैं।बरहाल जब एटीएस के साथ शिकार पुलिस ने छापेमारी की तो रुपौलिया के अपने घर पर वह नशे की हाल में मिला। इसके बाद उत्पाद अधिनियम के तहत उसे बेतिया जेल भेजा गया है।
पूछताछ के बाद एटीएस की टीम तो लौट आई,लेकिन इजहारूल को रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है। बताया जाता है की गाजियाबाद के जिस रियाजुद्दीन के खाते में 70 लाख रुपए आए है एटीएस ने उसको सोमवार को हिरासत में लिया है।पूछताछ में पता चला है कि रियाजुद्दीन परिवारिक विवाद के बाद पिछले एक साल से हापुड़ जिले के कस्बा पिलखुवा में रहकर मशीन खराद का काम कर रहा था।इससे पहले वो दिल्ली की खराद फैक्ट्री में काम करता था।जहां उसकी मुलाकात पश्चिम चंपारण के इजहारूल से हुई थी।
इजहारूल ने रियाजउद्दीन का बैंक खाता खुलवाया था।इसके बदले रियाजुद्दीन को हर महीने 10 हजार रुपए मिले थे।खाता खुद इजहारूल ऑपरेट कर रहा था।एटीएस की टीम एनआईए के साथ मिलकर संदिग्ध लोगों की कुंडली खंगाल रही है।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist