आगरा संवाददाता रामनिवास आगरा नए साल के जश्न के लिए अगर आप भी जगह तलाश कर रहे हैं तो यूपी, एमपी और राजस्थान सीमा पर आगरा के पिनाहट में स्थित चम्बल नदी की वादियां बेहतर ऑप्शन साबित हो सकती हैं।नये साल पर शहरी चकाचौंध के दौर में चम्बल की वादियों में आप प्रकृति के अद्भुत नजारों के बीच जश्न का लुत्फ उठा सकते हैं।परिवार या दोस्तों के साथ पिकनिक मना सकते हैं। रिवाइंस वॉक, चम्बल सफारी के साथ धर्म अध्यात्म की नगरी बटेश्वर में उलटी बहती यमुना नदी पर बने 101 शिव मंदिरों श्रृंखला तथा महाभारत कालीन नगरी शौरीपुर के जैन मंदिरो का दर्शन पूजन कर पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं
बता दें की आगरा की सीमा पर पिनाहट में चम्बल के बियाबान बीहड में मिट्टी के टीलों के बीच चम्बल सेंचुरी क्षेत्र है।जो एमपी,राजस्थान और यूपी की सीमा पर धीरे धीरे पर्यटन हब बन रही,हरियाली की चादर ओढ़े यहां की खूबसूरती यकीनन आपका मन मोह लेगी.चम्बल में घडियाल,मगरमच्छों की खूबसूरत दुनियां, डाल्फिंस के गोते,हजारों रंग बिरंगे पक्षियों की अठखेलियों का नजारा और रेतीला किनारा किसी भी मायने में समुद्री बीच से कम नहीं है ।यही वजह है कि देश-विदेश से घूमने के लिए लोग यहां भारी संख्या में पहुंच रहे हैं
रिवाइंस वॉक चम्बल वाइल्ड लाइफ सफारी लॉज जरार ने सैलानियों को आकर्षित करने के लिए खास तौर पर सबसे चर्चित रिवाइंस वॉक शुरु की है।इसमें सैलानी पगडंडीयों के रास्ते बीहड़ के बीच दस्युओं के ठिकानों को देखते हुए चम्बल नदी तक पहुंचते हैं। 2 से 3 किमी की यात्रा में सैलानी प्रकृति की इस नायाब धरोहर को करीब से देख पाते हैं।रास्ते में ठकावट होने पर ठहराव किया जाता है।सैलानी रिवाइंस वॉक को करने के बाद रोमांचित हो उठते हैं।रिवाइंस वॉक शुरु कराने वाले निदेशक मुनेंद्र पाल सिंह बताते हैं सैलानी रिवाइंस वॉक को खासा पसंद करते हैं।पगडंडियों की सैर कर करीब से बीहड देखना नया अनुभव दे जाता है। नये साल को लेकर चम्बल घूमने वालों की ऐडवांस बुकिंग चल रही है।चंम्बल की वादियां पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना बन रही हैं।
चम्बल सफारी
चम्बल की अवोहबा साफ,स्वच्छ वातावरण घडियाल,मगरमच्छ और डाल्फिंस को खासा रास आता है।यही बजह कि इनकी संख्या चंम्बल में लगातार बड रही है।सैलानी पिनाहट चम्बल में वोटिंग कर हैरअंगेज नजारों को कैमरों में केद किये विना नहीं रह पाते हैं। यहां शिकार करते मगरमच्छ,
अठखेलियां करते घड़ियाल और गोते लगाती डाल्फिंस रोमांचित कर देती हैं। नदी में वोट द्वारा 5 किमी तक की चम्बल सफारी, सात समंदर पार तक से सैलानियों को आकर्षित कर रही है।नए साल पर चम्बल की यात्रा
आपके लिए खास हो सकती है
वर्ड वाचिंग के शौक़ीन चम्बल का उठा रहे हैं लुत्फ
पिनाहट।देशी विदेशी तीन सौ से अधिक प्रजातियों के पक्षी चम्बल में दिखाई दे रहे हैं। जिन्हें देखने बर्ड वाचिंग के शौकीन चम्बल पहुंच रहे हैं।बार हेडेड गूज,पेंटेड स्टार्क,ग्रे लेग गूज,ब्लैक हेडेड आईविस, सुरखाब,कोमन पोचार्ड,यूरोपियन पिनटेल, नोर्थन शोवलर आदि प्रवासी पक्षी चंम्बल में आकर्षण केन्द्र है।
बटेश्वर और शौरीपुर के करें दर्शन
पिनाहट ।चम्बल के दीदार के साथ नजदीक ही भोले की नगरी बटेश्वर रमणीक नजारों से घिरी मां कलिंदी के तट पर स्थित 101 शिवमंदिर श्रंखला और शौरीपुर में जैन मंदिरों के दर्शन पूजन कर पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं
कैसे पहुंचे चम्बल, कैसे करें बुकिंग ।आगरा से 80 किमी बाह सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। ट्रेन से भी आगरा कैंट से बाह पहुंच सकते हैं। जिलामुख्यालय से चम्बल साइकल ट्रेक से भी पहुंचा जा सकता है। साइकिल ट्रेक को पर्यटन को बडावा देने को बनाया गया है।चम्बल घूमने के लिए पहले से ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। चम्बल बाइल्ड लाइफ सफारी लॉज जरार की वेवसाइट पर भी जाकर आप बुकिंग कर सकते हैं। यहां यात्रा का पूरा पैकेज भी दिया जाता है। जिसमें रुकना,घूमना खाना सबकुछ शामिल होता है। चम्बल की सैर एक नया अनुभव देगी, अपनी बागियों वाली पहचान के लिए कुख्यात चम्बल अब घड़ियालों के घर के रुप में नई पहचान के लिए विख्यात हो रही है
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist