इटावा। दसवें इमाम हज़रत अली नक़ी अ.स. की शहादत पर समर अब्बास नक़वी की ओर से मस्जिद पंजतनी इटावा में मजलिस का आयोजन किया गया।
मजलिस में मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा ने तकरीर करते हुए कहा इमाम अली नक़ी की विलादत 6 रजब सन 214 मदीने में हुई और शहादत 4 रजब सन 254 में हुई।सन 220 में 8 वर्ष की उम्र में दसवें इमाम को इमामत मिली।नबी और इमाम अल्लाह की तरफ से इल्म लेकर आते हैं। दसवें इमाम ने अपने दौर में इल्म के जौहर दिखाए। इमाम ने इंसानियत को प्राथिमकता दी। दसवें इमाम ने जियरते ग़दीर व जियरते जमाये कबीरा को इंसानों के लिए तोहफा दिया। इमाम को जब मदीने से सामरा में तलब किया गया तो फ़ौज भेजी गई। जालिम बादशाह ने इमाम को कैद और नजरबन्द रखा। इमाम ने कैदखाने में इबादत कर वक्त गुजरा। जालिम बादशाहों ने इमाम अली नक़ी पर बहुत जुल्म ढाये। दुश्मनों ने दसवें इमाम को जहर देकर शहीद कर दिया। मजलिस में राहत अक़ील, मो. अब्बास, सलीम रज़ा, शावेज़ नक़वी, मो. मियां, तनवीर हसन, अली साबिर, तहसीन रज़ा, हसन अब्बास, जहूर नक़वी, इबाद रिज़वी, अश्शू रिज़वी, शारू, सोनू नक़वी, शहजादे, राजा, परवेज हसनैन नक़वी, अर्श आदि ने भाग लिया।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist