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खाली मकान में छिपा बैठा था कोबरा,मजदूरों ने रोका काम सर्पमित्र ने किया सुरक्षित रेस्क्यू

सर्पमित्र डॉ आशीष के प्रयासों से जनता हुई सर्पदंश से पूर्ण भय मुक्त

इटावा। इकदिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम किला के एक खाली मकान में लगभग 5 फीट लम्बा एक खतरनाक स्पेक्टिकल कोबरा सर्प प्रवेश कर गया जो कि एक कमरे में ही रखे कुछ लोहे के पाइप के पीछे छुप कर बैठ गया था तभी वहां कार्य कर रहे मजदूरों की नजर उस काले कोबरा सर्प पर अचानक पड़ी और वे बेहद दहशत में आ गए जिसके बाद उन्होंने मकान के मालिक को सूचना दी तत्पश्चात मकान मालिक ब्रजेंद्र चौधरी ने वन्यजीव एवम सर्प विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को बुलाया जिसके बाद डॉ आशीष ने मौके पर पहुंचकर उस 5 फीट लम्बे कोबरा सर्प को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित रेस्क्यू कर सभी मजदूरों को भय मुक्त कर दिया। कॉलर ब्रजेंद्र चौधरी ने बताया कि, हम सभी पिछले दो घण्टे से परेशान थे और हमे कोबरा देखकर डर भी लग रहा था लेकिन अभी सर्पमित्र डॉ आशीष के द्वारा कोबरा का रेस्क्यू करने के बाद से हमारा डर खत्म हो गया है।

डायल 112 एवं वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर डॉ आशीष कर रहे है वन्यजीवों का सुरक्षित रेस्क्यू

वहीं मौके पर मौजूद नगर पालिका परिषद इटावा के पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के ब्रान्ड एम्बेसडर एवम मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर,डॉ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि, इस हाईबरनेशन के मौसम में स्पेक्टिकल कोबरा का दिखना एक विशेष बात भी है क्यों कि इस समय अत्यधिक ठंड के कारण सभी छोटे सर्प सुषुप्तावस्था में ही होते है  उन्होंने बताया कि यह एक 5 फीट लम्बा  नाजा नाजा प्रजाति का नर कोबरा सर्प था जिसमे खतरनाक न्यूरोटॉक्सिक वेनम मौजूद होता है जिसके दंश का इलाज सिर्फ एंटीवेनम से ही संभव है जो कि जिला अस्पताल मोतीझील के इमरजेंसी वार्ड कमरा नम्बर तीन में मौजूद है।
कोबरा सर्प को रेस्क्यू के बाद वन विभाग इटावा के दिशा निर्देशन में सुरक्षित उसके प्राकृत वास में ले जाकर छोड़ दिया गया। विदित हो कि,जनपद इटावा में सर्पमित्र डॉ आशीष जनता की सर्प दंश से अमूल्य जान बचाने के साथ साथ अब तक हजारों वन्यजीवों को भी उनके प्राकृतवास में सुरक्षित पहुंचाकर उन्हें जीवन दान दे चुके है। डॉ आशीष के अथक पर्यावरण, वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों से जनपद इटावा की जनता सर्पदंश से पूर्ण रूप से भयमुक्त हो चुकी है। वहीं संस्था ओशन के द्वारा जनपद में चलाए जा रहे सर्पदंश जागरूकता अभियान से प्रेरित और जागरूक होकर कई ग्रामीणजन सर्पदंश के बाद अब कोई भी झाड़ फूंक न करवाकर सीधे ही समय से जिला अस्पताल आकर सर्पदंश का सुरक्षित इलाज कराने आने लगे है।

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