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बदायूं हत्याकांड:पहले घर जाकर मांगी चाय फिर मासूमों को उतारा मौत के घाट

बदायूं।उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में दो बच्चों के खौफनाक हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।इस हत्याकांड के बाद से जिले के लोगों में आक्रोश है।पुलिस ने हालात देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है।बच्चों का हत्यारा साजिद को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है।लोगों के मन में सवाल है कि आखिर क्या मामला था कि साजिद ने मासूमों की खौफनाक तरीके से हत्या करने से पहले एक बार सोचा भी नहीं।आखिर घर में घुसकर साजिद हत्या कैसे कर पाया।

बदायूं की मंडी समिति पुलिस चौकी से 500 मीटर दूर बाबा कॉलोनी में मंगलवार शाम साढ़े छह बजे ठेकेदार विनोद ठाकुर के दो बेटों आयुष (13) और अहान (6) की चाकू से साजिद ने दो साथियों के साथ गला रेतकर हत्या कर दी।साजिद और विनोद एक दूसरे को पहले से जानते थे। दोनों में कोई पुराना आपसी विवाद चल रहा था।साजिद ने विनोद के घर जाकर पहले उनके घरवालों से चाय बनाने के लिए कहा।इसके बाद साजिद ने विनोद के तीनों बच्चों आयुष, आहान और पीयूष पर छत पर जाकर धारदार हथियार से हमला शुरू कर दिया।हमले में आयुष, आहान की मौत हो गई, पीयूष को हल्की चोट आई है जिसका इलाज चल रहा है।साजिद दो बच्चों की हत्या करने के बाद मौके से फ़रार हो गया था।साजिद ने बड़ी ही बेरहमी से दोनों बच्चों की हत्या की। साजिद के हाथ बच्चों के खून से सने हुए थे। साजिद के पूरे शरीर पर खून ही खून लगा था।जब पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों ने बताया कि हत्यारा साजिद खून से सना हुआ घर से बाहर निकलकर भागा हुआ है। इसके बाद पुलिस साजिद के पीछे लग गई। इंस्पेक्टर गौरव बिश्नोई और एसओजी टीम उसे खोजती हुई शेखूपुर के जंगल में पहुंच गई। साजिद ने पुलिस टीम पर फायरिंग की, जिससे पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इसमें साजिद मारा गया। वहीं इंस्पेक्टर गौरव बिश्नोई को भी गोली लग गई। इंस्पेक्टर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालत गंभीर होने पर इंस्पेक्टर को आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। जहां उनका उपचार चल रहा है।इस खौफनाक हत्याकांड के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ है।बरेली एडीजी और आईजी मौके पर है और शांति व्यवस्था बनी हुई है।लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पहले से फोर्स थी।कुछ लोगो ने विरोध किया,लेकिन उन्हें समझाया गया और बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

*वारदात*

6.30 बजे साजिद अपने भाई जावेद के साथ विनोद के घर पहुंचा।
6.35 बजे संगीता दोनों के लिए चाय बनाने चली गई।
6.40 बजे साजिद पहली मंजिल पर विनोद की मां से मिला।
6.45 बजे साजिद विनोद के बेटे आयुष और आहान लेकर छत पर चला गया।
6.55 बजे विनोद का मंझला बेटा पीयूष पानी लेकर छत पर पहुंचा।
7.00 बजे पड़ोसियों ने संगीता और पीयूष को बाहर खींच लिया।

आक्रोश

7.30 बजे से भीड़ जुटनी शुरू हुई।
7.45 बजे गुस्साए लोग मंडी समिति पुलिस चौकी पहुंचे।
7.50 बजे पुलिस चौकी के बाहर रखी कुर्सियों में तोड़फोड़।
8.00 बजे चौकी के आसपास खोखों में तोड़्रफोड़ कर आग लगाई।

कार्रवाई

8.15 बजे जिलेभर की फोर्स पुलिस चौकी पहुंची।
8.25 बजे एसएसपी और डीएम घटनास्थल पर पहुंचे।
8.35 तक होती रही नोकझोंक, अर्धसैनिक बल पहुंचा।
9.00 बजे आयुष और आहान के शव निकाले गए, फोर्स घटनास्थल से लौटा‌
9.37 बजे सजिद की दुकान का शटर तोड़कर सामान निकाला और आग लगा दी।
9.45 बजे अर्धसैनिक बल और पुलिस फोर्स घटनास्थल पर लौटी।
9.45 बजे फायर ब्रिगेड पहुंची। आग बुझाई गई।

बच्चों के पिता विनोद ठाकुर ने आईजी राकेश सिंह समेत पुलिस प्रशासन से कहा कि जिस साजिद को मुठभेड़ में मार गिराया है उसको दिखाओ।अगर नहीं दिखाया तो वह परिवार के साथ दिन निकलते ही आत्मदाह कर लेगा। पुलिस ने यह बात सुनकर विनोद को साजिद का शव दिखाने का आश्वासन दिया है। देर रात चौराहे पर बच्चों की मां और दादी बैठ गए और साजिद की लाश दिखाने की मांग करने लगे।

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