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यूपीयूएमएस में मनाया गया गया वर्ल्ड हेड इंजरी अवेयरनेस डे कुलपति ने जागरूकता रैली को दिखाई हरी झंडी

सर की चोट की अनदेखी आपके स्वास्थ्य के लिए पड़ सकती है भारी – प्रो. डॉ. प्रभात कुमार सिंह (कुलपति)

इटावा, (सैफई)20मार्च 2024 हर वर्ष 20 मार्च को “वर्ल्ड हेड इंजरी अवेयरनेस डे” मनाया जाता है इस दिवस के अवसर पर यूपीयूएमएस सैंफई में माननीय कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया और उनकी अध्यक्षता में एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि सर की चोट की अनदेखी आपके स्वास्थ्य के लिए पड़ सकती है भारी इसलिए ही इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य है कि लोग सिर की चोट के संदर्भ में जागरूक हों। उन्होंने कहा कि सर में किसी भी कारण से हल्की या गंभीर चोट लगने से तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क की बड़ी क्षति का कारण बन सकती है।जिससे कई बार स्थाई या अस्थाई विकलांगता या मृत्यु का कारण भी बन जाता है। इसीलिए सर पर चोट यदि लगे तो तत्काल सही जांच और इलाज बहुत जरूरी है। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रो. डॉ.  दिनेश बगड़िया(एम्स व जेपीएनएटीसी-नई दिल्ली) ने मरीज के सिर में चोट होने पर चिकित्सिय प्रबंधन के संदर्भ  में महत्वपूर्ण जानकारी दी और अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। आईएमए अध्यक्ष व एल्यूमीन फैकेल्टी से डॉ डीके सिंह ने भी उपस्थित छात्र-छात्राओं को जागरूक किया और अपील की सभी वाहन चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट जरूर पहनें

हेड इंजरी में समय पर इलाज से बच सकती है कई जान

चिकित्सा अधीक्षक एवं जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ एसपी सिंह ने बताया कि हेड इंजरी से नुकसान, हादसे की प्रकृति यानि माइल्ड (हल्के) और सिवियर (गंभीर) पर निर्भर करता है। हादसा पीड़ित अलग-अलग व्यक्तियों पर निर्भर करता है। लेकिन किसी भी स्थिति में हेड इंजरी के बाद समय पर जांच व उपचार जरूरी है. हेड इंजूरी के केस में गोल्डन पीरियड में मेडिकल सुविधा मिल जाने के कारण मरीज की जान बच सकती है. इसके लिए जरूरी है कि संबंधित अस्पताल में एक्स-रे, सीटी स्कैन या एमआरआई सहित अन्य जांच व उपचार की सुविधा मरीज को मिले. समय पर इलाज मिल जाने से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टरों की ओर से आवश्यकता अनुसार बर्फ लगाना, टांके लगाना, सर्जरी सहित अन्य विकल्प के माध्यम से मरीज की जान को बचाया जा सकता है।

सर पर गंभीर चोट तो ध्यान रखें-

यदि सर पर गंभीर चोट है-तो मरीज को करवट से लिटा दें,  सिरहाना ऊंचा कर दें, मरीज को कुछ भी खिलाएं पिलाएं नहीं,जल्द से जल्द प्राथमिक इलाज दें।

ऐसे करें सर की चोट का बचाव

वाहन चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट अवश्य लगाएं।

शराब पीकर वाहन  नहीं चलाएं।

अधिक थकावट और नींद में भी वाहन न चलाएं।
क्रिकेट या अन्य खेल खेलते समय हेलमेट का प्रयोग करें।

कार्यक्रम के अन्त में इमरजेंसी एवं ट्रामा विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ प्रशांत कुमार मिश्रा ने सभी को आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम प्रति कुलपति प्रो. डॉ. रमाकांत यादव, कुल सचिव डॉ चंद्रवीर,संकायाध्यक्ष प्रो. डॉ.आदेश कुमार, इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर के सभी  डॉक्टर्स व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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