इटावा शहीद दिवस के उपलक्ष में आज पान कुंवर इंटरनेशनल स्कूल इटावा में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य डॉक्टर कैलाश चंद्र यादव ने बताया कि 23 मार्च 1931 वह दिन है जिस दिन हमारे भारत माता के वीर सपूतों को अंग्रेज सरकार ने फांसी पर लटका दिया था। उन्होंने आगे बताया कि सन 1928 में भगत सिंह राजगुरु एवं सुखदेव ने अंग्रेजों की असेंबली में बम फेंका था तथा इंकलाब जिंदाबाद और वंदे मातरम के नारे लगाए थे। भगत सिंह, राजगुरु सुखदेव ने अपने राष्ट्र प्रेम के चलते अपनी भारत माता को गुलामी की जंजीरों से छुड़ाने के लिए बड़ी कम उम्र में स्वयं को शहीद कर दिया। आज हम सब स्वतंत्र भारत में जन्म लेकर विकसित भारत के सपने को साकार अवश्य कर रहे हैं लेकिन हमें यह दिन उन महान वीर सपूतों के बलिदानों के कारण ही देखना नसीब हुआ है जिन्होंने राष्ट्र प्रेम के लिए खुद की बलि चढ़ा दी। कैलाश चंद्र यादव ने कहा कि हम सबको संकल्प लेना होगा कि हम सब राष्ट्र हित सर्वोपरि रखकर कार्य करें जिससे हमारा राष्ट्र एक सशक्त राष्ट्र बने और दुनिया में उसकी धमक हो श्रद्धांजलि सभा के उपरांत गोष्ठी को समाप्त किया गया।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist