इटावा। संवाददाता पृथ्वी को बचाना है तो पालीथिन को हटाना है। यह आहवान विश्व पृथ्वी दिवस पर नेचर कंजर्वेशन एंड ह्यूमन वेलफेयर सोसाइटी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से पानकुवंर इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित पृथ्वी बनाम प्लास्टिक विषय पर आयोजित कार्यक्रम में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एआरटओ बृजेश कुमार ने कहा कि पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण की सर्वाधिक हिस्सेदारी एशियाई देशों की है हमारे देश में जलवायु अच्छी होने के कारण हमें पर्यावरण के साथ तालमेल बैठा कर जीवन जीने की कला सीखनी चाहिए । प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग होने से हमारा गृह प्रदूषण की चपेट में है। हमें इसके उपयोग से बचना चाहिए। जिला समन्वयक विज्ञान क्लब डॉ मुकेश यादव ने कहा कि पॉलिथीन का चलन आम हो गया है पॉलिथीन के स्थान पर कपड़े जूट या केले से बने थैलों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होने कहा कि पृथ्वी को बचाना है तो प्लास्टिक को हटाना है। डॉ कैलाश चंद्र यादव प्रधानाचार्य ने कहा विद्यार्थी देश के निर्माण में अपना योगदान देते हैं अपने गृह को स्वच्छ प्रदूषण और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए शपथ लें तो आने वाले समय में प्लास्टिक कचरे को काम किया जा सकता है। सामाजसेवी संजय सक्सेना ने कहा कि कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता बस करने का संकल्प होना चाहिए कोई भी चीज एक दिन में परिवर्तित नहीं होती परिवर्तन के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए संस्था सचिव जल संरक्षक निर्मल सिंह ने कहा की पॉलिथीन या प्लास्टिक का 10 प्रतिशात ही री-साइकिल किया जा पा रहा है यदि हम पॉलिथीन पर अपने निर्भरता को कम करें तो अपने प्रथ्वी को प्रदूषण से बचा सकते हैं । इस मौेके पर पौधारोपण भी किया गया। भाषण और पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी पाने वाले छात्रों को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist