लखनऊ।देश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट अमेठी से राहुल गांधी का चुनावी ताल ठोंकना तय माना जा रहा है।केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस को संकेत भी दे दिए गए हैं। राहुल गांधी 1 मई को नामांकन दाखिल कर सकते हैं।सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस ने ठप्पा लगा दिया है,लेकिन रायबरेली लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस बरकरार है। 27 अप्रैल तक अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान होने की संभावना है।
अमेठी कांग्रेस का गढ़ रही है। 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी लोकसभा सीट पर जीत का पहला परचम कांग्रेस ने लहराया था।इसके बाद से लेकर अभी तक 13 बार कांग्रेस और दो बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहराया है। 1980 में संजय गांधी ने जीत का परचम लहराया था।1984, 1989, 1991 के लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जीत का परचम लहराया थी। 1999 में सोनिया गांधी ने जीत का परचम लहराया था। 2004, 2009 और 2014 में राहुल गांधी ने जीत का परचम लहराया था। 2019 में भाजपा से स्मृति ईरानी ने राहुल को 55,120 वोटों से पराजित कर जीत का परचम लहराया था।
2019 में राहुल गांधी दो स्थानों से चुनाव लड़े थे और वर्तमान में केरल की वायनाड लोकसभा से सांसद हैं।इस बार भी वायनाड से राहुल गांधी चुनावी मैदान में लड़ हैं।राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने से संभावना थी कि शायद उनके स्थान पर कांग्रेस किसी और को प्रत्याशी बनाए।सपा के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस उत्तर प्रदेश की 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
रायबरेली और अमेठी को छोड़कर 15 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। अमेठी और रायबरेली सीट पर नामांकन की प्रक्रिया 26 अप्रैल से शुरू हो रही है। 20 मई को मतदान होगा। इस बारे में यूपी कांग्रेस के मीडिया प्रभारी डा.सीपी राय का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस की तरफ से राहुल और प्रियंका दोनों को प्रत्याशी बनाने की मांग केंद्रीय नेतृत्व से की जा चुकी है, 27 तक घोषणा होने की उम्मीद है।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist