लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की चुनावी सरगर्मियां तेज है।इसी बीच रायबरेली और अमेठी से जुड़ी बड़ी खबर है।सूत्रों के मुताबिक गांधी परिवार अमेठी और रायबरेली से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगा।कांग्रेस किसी नए चेहरे को अमेठी और रायबरेली से टिकट दे सकती है।कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि रायबरेली और अमेठी से प्रत्याशी के नाम का ऐलान जल्द होगा।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) द्वारा सर्वसम्मति से गांधी परिवार से प्रत्याशी बनाने की वकालत की गई थी,लेकिन ऐलान नहीं हुआ है।यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी को कुछ आपत्तियां और संदेह हैं। राहुल गांधी ने अपनी बात गांधी परिवार और बेहद करीबी सहयोगियों से हुई एक बैठक में यह मुद्दा उठाया था।
वायनाड छोड़ें या अमेठी
चिंता की बात यह है कि अगर राहुल गांधी वायनाड,अमेठी
और रायबरेली दोनों जगह से जीतते हैं, तो राहुल गांधी को एक छोड़ना होगा।दक्षिण में कांग्रेस अपेक्षाकृत मजबूत होने के कारण, केरल में राज्य चुनाव से पहले वायनाड को छोड़ना गलत हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ अमेठी से भारतीय जनता पार्टी की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी ने यह बात तब कही थी जब वह वायनाड गई थीं। ईरानी ने कहा था कि जैसे राहुल गांधी ने अमेठी छोड़ दी है, वैसे ही वे वायनाड भी छोड़ देंगे। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में सरकार बनाने की उम्मीद है, इसलिए वायनाड को नहीं छोड़ा जा सकता।
प्रियंका क्यों करेंगी खराब शुरुआत
कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि अब चुनाव प्रचार के लिए बहुत कम समय बचा है और ऐसे में प्रियंका गांधी अगर रायबरेली से उम्मीदवार बनती हैं तो यह ठीक नहीं होगा।अगर वे चुनाव हार जाती हैं, तो यह उनकी राजनीतिक चुनावी शुरुआत के लिए एक खराब शुरुआत होगी।अगर उन्हें चुनाव में उम्मीदवार बनाना ही था तो इसकी तैयारी बहुत पहले से की जाती ताकि उन्हें क्षेत्र में प्रचार का पर्याप्त समय मिल पाता।दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी तो स्टार प्रचारक हैं और पार्टी उनके जैसे वक्ता को खोना नहीं चाहेगी।वे सबसे आक्रामक और प्रभावी ढंग से अपनी बात रखती हैं।कांग्रेस देश के बाकी स्थानों पर अच्छा प्रदर्शन कर सके इसलिए प्रियंका का चुनाव नहीं लड़ना ही बेहतर होगा।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist