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यूपीयूएमएस में चिकित्सीय उपकरणों की सुरक्षा एवं उनसे मरीजों पर होने वाले दुष्प्रभावों पर चिकित्सकों व भारत सरकार के अधिकारियों ने की गोष्ठी

उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारतीय मटेरियोविजलेंस कार्यक्रम का  आयोजन फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार सिंह द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केजीएमयू लखनऊ के फार्मोकोलॉजी के प्रो. डॉ. आरके दीक्षित द्वारा फार्माकोविजिलेंस की चुनौतियां और समाधान के संदर्भ में एक विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया गया और उनके द्वारा सभी प्रतियोगियों को एडीआर रिपोर्टिंग की शपथ दिलाई गई।
एएमसी समन्वयक डॉ आशा पाठक ने बताया कि भारत सरकार ने देश में चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा की निगरानी के लिए 6 जुलाई 2015 को भारतीय  सतर्कता कार्यक्रम शुरू किया था जिसका उद्देश्य है चिकित्सा उपकरण से संबंधित प्रतिकूल घटनाओं पर व्यवस्थित रूप से डाटा एकत्र करना और उनके वैज्ञानिक विश्लेषण करना ताकि नियामक निर्णय और चिकित्सा उपकरणों के सुरक्षित उपयोग पर बेहतर काम किया जा सके।


कार्यक्रम में सीनियर प्रिंसिपल साइंटिफिक ऑफीसर आईपीसी गाजियाबाद के डॉ विवेक कलाई सेल्वन द्वारा एमवीपीआई कार्यक्रम के उद्देश्य के संदर्भ में बताया गया और विभिन्न चिकित्सा उपकरण एवं क्लिनिकल ट्रायल से संबंधित जानकारी श्री असीम साहू एवं श्री मेश्राम प्रमोद उप औषधि नियंत्रक द्वारा दी गई। कार्यक्रम के अंत में फार्माकोलॉजी विभाग अध्यक्ष डॉ आलोक दीक्षित ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।माननीय कुलपति महोदय की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई जिसमें चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईपीसी एवं सीडीएससीओ के अधिकारियों और राज्य औषधि आयुक्त व औषधि निरीक्षक एवं सभी विभागाध्यक्षों ने प्रतिभाग किया व उन्हें माननीय कुलपति द्वारा प्रमाण पत्र भी दिए गए। कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रो .डॉ रमाकांत, रजिस्ट्रार प्रो.डॉ चंद्रवीर चिकित्सा अधीक्षक प्रो.डॉ एसपी सिंह, संकायाध्यक्ष प्रो. डॉ. आदेश कुमार व नर्सिंग स्टाफ और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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