रायबरेली।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रायबरेली में नए अंदाज में चुनाव अभियान का आगाज कर दिया है। प्रियंका ने चार पीढ़ियों से चल रहे रिश्तों की दुहाई दी और बड़ी लड़ाई के लिए आह्वान किया।कार्यकर्ताओं से 24 में से 20 घंटे देश के लिए मांगा।
रायबरेली में कार्यकर्ता सम्मेलन में प्रियंका गांधी ने कार्यकर्ताओं को कभी पुचकारा तो कभी आगाह किया, भाजपा का डर दिखाया तो संविधान रक्षा से लेकर पोलिंग बूथ पर सतर्क रहने का संदेश दिया।हम में लड़ने की हिम्मत है। लड़ेंगे और जीतेंगे भी।प्रियंका ने कहा कि यदि डर रहे हों तो अभी पीछे हट जाना। आगे बढ़ना तो फिर रूकना नहीं।प्रियंका ने कार्यकर्ताओं को बूस्टर डोज देने का प्रयास किया है।
प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार की तुलना ब्रिटिश शासन से करते हुए कहा कि यह वक्त, उस वक्त से अलग नहीं है। देश में गरीबों और किसानों को नकारा जा रहा है, लोकतंत्र खतरे में है,लेकिन हर धर्म में सेवा का धर्म सिखाया जाता है। सत्य के साथ रहना चाहिए। यही हमारी राजनीति का आधार रहा है।
प्रियंका गांधी ने रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस सरकार के कराए विकास कार्यों की दुहाई दी। प्रियंका ने कहा कि कई बार चाह कर भी यहां के लोगों की मदद नहीं कर पाई। किसी ने नल मांगा तो किसी ने सड़क। मांगना मतदाताओं का अधिकार है।
प्रियंका गांधी ने संबोधन में राहुल गांधी का सिर्फ दो बार नाम लिया। प्रियंका ने कहा कि वह बड़े भाई को जिताने के लिए आई हैं।क्योंकि रायबरेली और अमेठी का संदेश दूर तक जाता है।इस बीच प्रियंका ने बार-बार किशोरी लाल शर्मा का नाम लिया। प्रियंका ने कहा कि 1999 में जब यहां आई तो किशोरी लाल ने ही चुनाव संचालन सिखाया है। आज जो भी है, सब उन्हीं की वजह से है। किशोरी ने ही यह बताया कि कार्यकर्ताओं से कैसे जुड़ा जाता है। वह चाहते थे कि मैं चुनाव लड़ूं,लेकिन मैंने कहा कि आपको चुनाव लड़ाऊंगी।प्रियंका का बार-बार किशोरी का नाम लेने के पीछे भी सियासी निहितार्थ हैं। वह कार्यकर्ताओंको आश्वस्त करना चाहती हैं कि किशोरी लाल के जरिए वह परोक्ष रूप से खुद चुनाव लड़ रही हैं।
प्रियंका गांधी ने रायबरेली से मोतीलाल नेहरू और जवाहर लाल नेहरू के रिश्ते को गिनाया। प्रियंका ने कहा कि वे यहीं से देश के लिए लड़े थे,वे लोकतंत्र के लिए लड़े थे।अब एक बार फिर लोकतंत्र की लड़ाई है।प्रियंका ने अपनी दादी इंदिरा गांधी को याद करते हुए कहा कि वह भी इसी रायबरेली से चुनाव लड़ती थीं।हारी भीं श,लेकिन रायबरेली नहीं छोड़ी,अपनी कमियां दूर कीं।अगले चुनाव में इसी रायबरेली ने जीत दिलाई।
प्रियंका गांधी ने इंदिरा गांधी का उदाहरण देकर अमेठी में राहुल गांधी के नहीं आने को लेकर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया। प्रियंका ने कहा कि वह पिताजी के साथ यहां आती थीं। फिर मां के चुनाव में आईं। इसके जरिये प्रियंका ने रिश्तों की डोर को मजबूत करने का भरसक प्रयास किया है।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist