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आने वाले समय मे और महंगा होगा सोना। आकाश दीप जैन

इटावा। इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (इब्जा) इमरजेंसी टीम के प्रदेश सह प्रभारी आकाशदीप जैन सर्राफ ने आम ज्वेलरी ग्राहकों के लिए एडवाइजरी करते हुये बताया जिन लोगों को आगे शादियों के लिए , बचत के लिए अथवा स्वयं के लिए ज्वेलरी खरीदनी है या भविष्य में खरीदने के योजना बना रहे हैं उन सभी के लिए अभी इन बड़े हुए भाव में भी ज्वेलरी खरीदना उचित रहेगा। जैसा बड़े-बड़े देश द्वारा सोने की खरीद की जा रही है ऐसे में भविष्य में सोने का दाम काफी बढ़ जाने की उम्मीद है युवा ग्राहकों से भी इब्जा ने अपील करते हुये कहा अपनी कमाई का कुछ हिस्सा बचत के रूप में ज्वेलरी में या स्वर्ण में जरूर निवेश करें यह भविष्य में बहुत काम आने की वस्तु है। सोने के भंडार कम हो रहे हैं उपभोग बढ़ रहा है तथा विश्व में डॉलर की जगह आज बड़े-बड़े देश सोने के भंडारण को ज्यादा महत्व दे रहे हैं ऐसे में भविष्य में सोना और चांदी अत्यधिक मूल्यवान दशा में होंगे और आम आदमी की पहुंच से कहीं ना कहीं दूर हो जाएंगे लेकिन फिर भी आपको इस के लिए अपने परंपरागत ज्वेलर्स के साथ आप ज्वेलरी खरीदी कर सकते हैं। वर्तमान स्थिति में भी अभी सोने के दर बढ़ने की उम्मीद है लिहाजा इस वक्त खरीद करना सही रहेगा लॉन्ग टाइम इन्वेस्टर के लिए तो अगर सोना आगे थोड़ा भाव गिरता भी है तो भी आगे भविष्य में बढ़ जाएगा चांदी भी हर तरीके के उपयोग में आने वाली वस्तु बन गई है चाहे वह बर्तन हो ज्वेलरी हो या पूजा सामग्री हो वह भी इन भावों में लेना उचित रहेगा। उन्होंने बताया ज्वेलरी की खरीद करते समय यूआईडी कोड देखकर ही ज्वेलरी की खरीदारी करें, दुकानदार से पक्का बिल जरूर लें, वापसी की पॉलिसी जरूर मेंशन करवाये। 500 रुपया ग्राम से लेकर रुपया 4000 प्रति ग्राम की दर से अलग-अलग जैसा आभूषण होता है वैसी मजदूरी की दर होती है उसको देने में कतई कंजूसी ना करें साथ ही तीन प्रतिशत जीएसटी देकर पक्का बिल जरूर लें। सोना खरीदने का नियम है बेस रेट + 3% जीएसटी+ लेबर, विषम परिस्थितियों में जब स्वर्ण नहीं उपलब्ध होता है तो 3% जीएसटी के साथ प्रीमियम भी लगता है उसकी उपलब्धता के ऊपर तो कई बार उस हिसाब से भी भाव थोड़े ऊपर होते हैं वह आपका परंपरागत ज्वेलर्स आपको बता देता है विषम परिस्थितियों में ही ऐसा होता है। भारत सोने की चिड़िया थी और वह इसीलिए थी क्योंकि हर घर में सोना था, हर व्यक्ति इस पर विश्वास करके अपनी कमाई का कुछ हिस्सा जरूर इनवेस्ट करता था अपने बच्चों के लिए, इसलिए भारत में कभी मंदी का असर नहीं हो पाया। व्यक्ति के पास सोना और चाँदी के आभूषण हो उस समय आर्थिक जरूरत आसानी से निपट जाती हैं।

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