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मंत्रिमंडल की बैठक में सीएम योगी ने मंत्रियों को दिए निर्देश,फील्ड पर जाइए,जनता की समस्याओं को सुनिए,हमें वीआईपी कल्चर स्वीकार नहीं

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के निराशाजनक नतीजों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में सीएम ने कहा कि यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन पर समीक्षा पार्टी के लोग करेंगे।बैठक में तय हुआ है कि 10 जून से सभी मंत्री जनता के बीच जाएंगे और उनकी समस्याओं को सुनकर निवारण की कोशिश करेंगे। सीएम की इस बैठक में दोनों डिप्टी सीएम नजर नहीं आए। बता दें कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में हैं और बृजेश पाठक ऋषिकेश में हैं।

बैठक जैसे ही शुरू हुई वैसे ही चुनाव पर चर्चा शुरू हो गई। इस पर सीएम योगी ने कहा कि संगठन हार पर विस्तार से चर्चा और समीक्षा करेगा।इस बार यूपी में भाजपा की 29 लोकसभा सीटें कम हो गई हैं, संविधान और आरक्षण खत्म होने के विपक्ष के मुद्दे के कारण चुनाव में पार्टी को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है।

सीएम योगी की इस बैठक में भाजपा के साथ-साथ सहयोगी दलों के मंत्री भी बैठक में मौजूद रहे।ओम प्रकाश राजभर, संजय निषाद,आशीष पटेल और अनिल कुमार ने एक-एक अपनी बातें रखीं। बैठक में सीएम ने अपने मंत्रियों को अगले तीन महीने का एजेंडा दिया है और 10 जून से सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागों की समीक्षा करने के लिए कहा गया है।

सीएम योगी के निर्देश के अनुसार अब सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में जाकर जनता के साथ बैठक और जनसुनवाई शुरू करेंगे।वहीं नौकरी को लेकर सरकार ने दावा किया है कि उसकी ओर से अब तक छह लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है।सीएम ने कहा कि सभी मंत्री अपने-अपने विभागों में खाली पड़े सरकारी पदों का ब्योरा देंगे उसके बाद नौकरी की प्रक्रिया शुरू होगी।

सीएम योगी के बैठक की बड़ी बातें

मंत्रियों को फील्ड पर जाने का निर्देश,जनता की बात सुनने और समस्याओं का समाधान करने पर जोर।

जनता के लिए सरकार है,वीआईपी कल्चर स्वीकार नहीं।

केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों का सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर जोर।

जन सुनवाई, IGRS, सीएम हेल्पलाइन को और प्रभावी बनाने जोर।

ई- कैबिनेट व्यवस्था और सभी विभागों में ई- ऑफिस प्रणाली प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश।

वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के टारगेट में हर विभाग की भागीदारी, कार्ययोजना के के अनुरूप कामों की समीक्षा।

बजट आवंटन-खर्च की समीक्षा करने के निर्देश, परियोजनाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता ध्यान रखने पर जोर।

पौधारोपण, स्कूल चलो अभियान, संचारी रोग नियंत्रण के प्रयासों को सफल बनाने योगदान की अपील।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पहली बार मंत्रिमंडल की बैठक हुई है।भाजपा नेतृत्व यूपी में आए चुनाव परिणाम से खुश नहीं है। ऐसे में सरकार और संगठन के स्तर पर समीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है।कयास लगाए जा रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही यूपी में भी मंत्रिमंडल और पार्टी में बदलाव शुरू हो जाएंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा यूपी में अपने दम पर 33 सीटें ही प्राप्त कर सकी जबकि चुनाव से पहले प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत के दावे किए जा रहे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में सपा-बसपा के विपक्षी गठबंधन के बावजूद 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2014 में 71 सीटें जीती थीं।

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