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कागज के एक टुकड़े ने खोला मां और दो बेटियों के हत्या का राज, जानें आरोपी तक कैसे पहुंची पुलिस

देहरादून।तिहरे हत्याकांड के खुलासे के लिए कई दिशाओं में जांच करते समय पुलिस को असल सुराग महिला के शव के पास से बरामद यूपी रोडवेज के एक टिकट से मिला।यह टिकट 23 जून की यात्रा का था।पुलिस ने अंदाजा लगाया कि संभवत महिला इस टिकट से ही देहरादून आई हो,लेकिन टिकट पर यात्रा और इससे संबंधित विवरण मिट चुका था।सीरियल नंबर के महज कुछ अंक बचे थे। पुलिस ने इसकी तस्दीक यूपी रोडवेज के मुरादाबाद मंडल से की।जांच आगे बढ़ी तो कड़ियां आपस में जुड़ती चली गई और बस के इस टिकट से पुलिस हत्यारे तक पहुंच गई और तिहरे हत्याकांड का खुलासा हो सका।

दरअसल तिहरे हत्याकांड में सबसे पहले पुलिस के लिए चुनौती थी कि तीनों एक ही परिवार के हैं या नहीं।इसके लिए पुलिस ने कई बिंदुओं पर जांच की।जांच के बीच शव के पास से मिला यूपी रोडवेज का एक टिकट पुलिस के लिए मददगार बना।टिकट ने सारी गुत्थी को सुलझा दिया। शवों से कुछ ही दूरी पर मिले टिकट से पुलिस को ये तो अंदाजा हो गया कि तीनों एक ही परिवार के हैं, लेकिन टिकट किस बस के लिए और कहां से लिया गया है ये पता करना मुश्किल था।बारिश से टिकट से ज्यादातर अंक मिट चुके थे। केवल सीरियल नंबर के कुछ अंक ही बचे थे।सीरियल नंबर के सभी अंकों का पता लगाने के लिए पुलिस ने मुरादाबाद मंडल से टिकट की जानकारी ली। इस पर पता चला कि एक महिला अपनी बेटियों के साथ बिजनौर के नहटौर से 23 जून की दोपहर 4:11 बजे बस में बैठकर देहरादून आई थी।

इसके बाद पुलिस ने नहटौर से दून की समय सीमा आंकी। बस स्टैंड नहटौर और दून आईएसबीटी की फुटेज खंगाली तो पूरे हत्याकांड की सच्चाई धीरे-धीरे सामने आने लगी। आईएसबीटी दून पर रात 10 बजे महिला दोनों बेटियों के साथ बस से उतरी और आरोपी के साथ बाइक पर बैठकर जाती दिखी।आईएसबीटी की फुटेज के बाद पुलिस को ये तो पता चल गया कि कोई युवक महिला को बाइक पर बैठाकर आईएसबीटी से ले गया है। इसके बाद पुलिस ने पास की फैक्टरी में काम करने वाले 11 कर्मचारियों की सूची खंगाली तो एक कर्मचारी बिजनौर के नहटौर का मिला। पुलिस ने शक के आधार पर आरोपी को हिरासत में लिया और पूछताछ की। आरोपी ने पूछताछ में हत्या करना स्वीकार कर लिया।

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