नई दिल्ली। 4 जून से नीट परीक्षा को लेकर बवाल मचा है।ये बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।फिलहाल सीबीआई जांच चल रही है और रोज बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक इस मामले में गिरफ्तारी हो रही है। इस बीच सोशल साइट पर आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक वी रामगोपाल राव ने नीट परीक्षा कैसी होनी चाहिए इसपर अपने सुझाव साझा किए हैं।
नीट पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के खिलाफ चल रहे विरोध के बीच इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली के पूर्व निदेशक वी रामगोपाल राव ने नीट परीक्षा के आयोजन के लिए एक विकल्प दिया है।राव ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि पेन-एंड-पेपर मोड में नेशनल लेवल की मेडिकल परीक्षा आयोजित करना इम्प्रैक्टिकल है।
वी रामगोपाल राव ने एक्स पर लिखा कि इतने सारे केंद्रों पर विभिन्न भाषाओं में भौतिक प्रश्नपत्रों के कई सेटों को ले जाकर पेन और पेपर-आधारित परीक्षा आयोजित करना अव्यावहारिक है।अकादमिक संस्थानों के विपरीत जो परीक्षाओं के लिए अपने स्वयं के संकाय और कर्मचारियों का उपयोग करते हैं, एनटीए तीसरे पक्ष के विक्रेताओं और अनुबंध कर्मचारियों पर निर्भर करता है।इस तरह की उच्च-दांव परीक्षा के लिए इतने सारे लोगों की ईमानदारी सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरा है।
वी रामगोपाल राव ने सुझाव दिया कि नीट यूजी परीक्षा का आयोजन जेईई मेन यानी ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन की तरह ही आयोजित की जानी चाहिए।जेईई मेन की तरह, नीट प्रीलिम्स को एनटीए द्वारा कई सत्रों में आयोजित किया जा सकता है और यह कंप्यूटर आधारित हो सकता है। प्रत्येक बैच में लगभग 2 लाख छात्र बैठ सकते हैं,जिसमें एक बड़े प्रश्न बैंक का उपयोग करके दो महीने में परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं।प्रत्येक छात्र को यादृच्छिक रूप से व्यवस्थित प्रश्नों का एक अनूठा सेट मिलता है,जिससे पेपर लीक होने का जोखिम कम हो जाता है,हैकिंग के खिलाफ कंप्यूटर सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है और विशेषज्ञ की मदद से इसे प्राप्त किया जा सकता है,छात्रों को शॉर्टलिस्टिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ स्कोर पर विचार करते हुए दो बार परीक्षा देने की अनुमति दें,परीक्षा के तुरंत बाद स्कोर उपलब्ध कराएं, सामान्यीकरण एक चुनौती नहीं है क्योंकि यह केवल एक शॉर्टलिस्टिंग परीक्षा है।
वी रामगोपाल राव ने कहा कि नीट प्रीलिम्स के माध्यम से चुने गए लगभग 2.5 लाख उम्मीदवारों के लिए नीट एडवांस्ड का आयोजन करें, जिसका प्रबंधन पूरी तरह से एम्स द्वारा किया जाएगा। जेईई एडवांस्ड के समान यह कंप्यूटर आधारित परीक्षा अवधारणाओं की समझ की जांच करेगी,पवित्रता और अखंडता बनाए रखने के लिए संस्थागत स्वामित्व और प्रतिबद्धता आवश्यक है।नीट एडवांस्ड का स्वामित्व और नियंत्रण एम्स के पास होना महत्वपूर्ण है।
बता दें कि एनटीए पिछले तीन साल से जेईई मेन परीक्षा का आयोजन दो सत्र में कर रहा है।पहले सत्र की परीक्षा जनवरी में और दूसरे सत्र की परीक्षा अप्रैल-मई में।जेईई मेन में उत्तीर्ण शीर्ष 2.50 उम्मीदवार जेईई एडवांस्ड 2024 में शामिल होते हैं। जेईई एडवांस्ड क्वालीफाइ करने वाले उम्मीदवारों को आईआईटी में एडमिशन मिलता है।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist