पुलिस प्रशासन ने इतने बड़े आयोजन की अनुमति क्यों दी…? और अगर दी तो वहा सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी भी तो सरकार की थी… 80 हजार लोगो की अनुमति प्रशासन द्वारा दी गई थी, जब की सूत्रों के हिसाब से 2.5 लाख से ज्यादा लोग उसे उस सम्मेलन में उपस्थित थे…
बाबा जी सरकारी संरक्षण में अपना फर्जी साम्राज्य स्थापित कर रहे है और खुद को नारायण हरि बता रहे है, सरकारी FIR में भी बाबा जी का नाम नही लिया गया, मना जा रहा है की वे अपने मैनपुरी वाले आश्रम में है, या वे किसी नेता के संरक्षण में कही भाग गए है…
घायलों और मृतकों के परिजनों के अनुसार जब वे अपने प्रियजनों को सरकारी अस्पतालों में लेकर पहुंचे तो वहा पर अपर्याप्त व्यवथा के कारण कई घायलों की भी जान चली गई, उत्तर प्रदेश की स्वास्थ व्यवस्था और कानून व्यवस्था की पोल इस हादसे ने खोल कर रख दी है…
ये विषय आम जनमानस के लिए भी सोचने का विषय है, की किसी व्यक्ति विशेष या “बाबा” को भगवान का दर्जा देकर उसके पीछे पागल हो कर दौड़ना कहा तक सही
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist