बरेली।उत्तर प्रदेश के बरेली से हैरतअंगेज मामला सामने आया है।यहां पुलिस इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने थाना इंचार्ज के इंटरव्यू में झूठ सर्विस रिकॉर्ड बताकर चार्ज ले लिया। 9 घंटे बाद जब इंस्पेक्टर के झूठ का पर्दाफाश हुआ तो उनसे चार्ज छीन कर निलंबित कर दिया।एसएसपी अनुराग आर्य ने अब इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का भी आदेश दिया है।
प्रवीण कुमार कुछ महीने पहले ही पीलीभीत जिले से बरेली आए थे।पीलीभीत से आए निरीक्षक प्रवीण कुमार को बरेली पुलिस लाइन में पोस्टिंग मिली थी।इंटरव्यू के बाद एसएसपी अनुराग आर्य ने प्रवीण कुमार आंवला का थाना प्रभारी बनाया था,लेकिन बोर्ड के सामने गलत रिकॉर्ड की जानकारी देने के बाद प्रवीण कुमार को अब निलंबित कर दिया गया है।
थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज को किया था लाइन हाजिर
बरेली जिले के आंवला थाना क्षेत्र की कई सारी शिकायतें एसएसपी अनुराग आर्य तक आ रही थीं।अनुराग आर्य ने शिकायतों को गंभीरता से लिया और जांच कराई।जांच में पाया गया कि थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार जन समस्याओं के निस्तारण में लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। इतना ही नहीं जमीन संबंधी विवाद में चौकी प्रभारी भी लापरवाह बने हुए हैं और अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं कर पा रहे हैं। उनके क्षेत्र की अधिक शिकायतें आ रही हैं,जिससे थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज को एसएसपी अनुराग आर्य ने लाइन हाजिर कर दिया था।
इंटरव्यू में बताया झूठा सर्विस रिकॉर्ड
एसएसपी अनुराग आर्य ने आंवला थाने के इंचार्ज पद को लेकर रविवार को कई दारोगा और निरीक्षकों का पुलिस लाइन में इंटरव्यू लिया।बाद में निरीक्षक प्रवीण कुमार को आंवला थाना प्रभारी बनाया।प्रवीण ने आंवला का कार्यभार ग्रहण किया।इसी बीच पता चला कि प्रवीण ने बोर्ड के सामने जो पिछले सर्विस रिकॉर्ड की जानकारी दी थी वह झूठी थी। सच्चाई सामने आने पर एसएसपी अनुराग आर्य ने निरीक्षक प्रवीण कुमार को 9 घंटे के अंदर ही चार्ज से हटाकर निलंबित कर दिया। प्रवीण के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का भी आदेश दिया है।कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
एसएसपी ने किया निलंबित
मामले में एसएसपी अनुराग आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि फरियादियों की सुनवाई न करने और जमीन विवाद में लगातार लापरवाही बरतने के संबंध में आंवला थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया था।उनकी जगह निरीक्षक अरुण कुमार को आंवला का थाना प्रभारी बनाया था,लेकिन बोर्ड के सामने गलत रिकॉर्ड की जानकारी देने पर उन्हें निलंबित कर दिया है और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist