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यूपी में बाढ़ का कहर:पूर्वांचल में उफान पर सरयू,सुरक्षित जगहों पर पहुंचने लगे लोग

लखनऊ।पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश से सरयू नदी उफान पर है।आजमगढ़,बलिया और मऊ में सरयू लाल निशान के ऊपर पहुंच गयी है।गंगा का भी जलस्तर बढ़ने लगा है।मीरजापुर में गंगा दो घंटे में एक सेंटीमीटर की दर से बढ़ रही है।जलस्तर बढ़ने का क्रम जारी है।

आजमगढ़ में सरयू नदी मुख्य गेज स्थल बदरहुआ नाले के पास शुक्रवार को सात सेमी और बढ़कर खतरे के निशान से 34 सेमी ऊपर बह रही है।यहां खतरा निशान 71.68 मीटर है, जबकि नदी 72.02 मीटर पर बह रही थी। बलिया में भी सरयू ने खतरे का निशान पार कर लिया है।बेल्थरारोड तुर्तीपार मीटर गेज पर शुक्रवार को सरयू का जलस्तर खतरा बिंदु 64.010 मीटर को पार कर 64.19 पर पहुंच गया। सरयू से ज्यादा तबाही बैरिया क्षेत्र के गोपालनगर और बांसडीह क्षेत्र के सुल्तानपुर में है। वहां के लोग सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं।

मऊ में सरयू नदी में चौबीस घंटे में लगभग सात सेमी की जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।सरयू खतरा बिंदु से लगभग 35 सेमी ऊपर बह रही है।सरयू का जलस्तर शुक्रवार शाम चार बजे सात सेमी बढ़कर 70.25 मीटर पर पहुंच गया है। खतरा बिंदु 68.90 मीटर पर है।सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज में नेबुआ गांव के पास शाहपुर-भोजपुर बांध कट गया। 108 गांव पानी से घिर गए हैं।श्रावस्ती में राप्ती नदी फिर लाल निशान को पार कर गई है। गोरखपुर में राप्ती सरयू के साथ आमी नदी के उफान से 24 गांव टापू बन गए हैं।

यूपी के अन्य बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में भी लोगों की कठिनाइयां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कई जगह नदियां खतरे के निशान के ऊपर हैं। सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। कटान का खतरा भी बढ़ रहा है। पीलीभीत के दियोनी डैम के पानी से उफनाई गर्रा नदी के कारण शाहजहांपुर में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी जनजीवन अस्तव्यस्त रहा।

बाढ़ का पानी औद्योगिक क्षेत्र व राजकीय मेडिकल कालेज के शैक्षणिक ब्लाक तक पहुंच गया है। वहां के छात्रावास से 500 विद्यार्थियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।गोंडा जिले में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।कटान से बाढ़ग्रस्त 18 गांवों की कठिनाई बढ़ सकती है।सरयू कटान करती सैकड़ों बीघा कृषि योग्य भूमि काटकर नदी में समाहित कर चुकी है।

शाहजहांपुर में दिल्ली-लखनऊ हाईवे के बरेली मोड़ पर तीन फीट तक पानी होने से वाहनों का आवागमन बंद है।भारी वाहनों और लंबे रूट की बसों को मीरानपुर कटरा-जलालाबाद होकर दिल्ली-लखनऊ रूट पर भेजा जा रहा। जलालाबाद-फर्रुखाबाद मार्ग पर भी चार फीट पानी होने से बसों का संचालन बंद कर दिया गया।गर्रा पुल के आसपास की स्थिति विकराल देख वहां भी रास्ता बंद कर दिया गया।राजकीय मेडिकल कालेज के मुख्य भवन और सभी वार्डों में पानी भरने से मरीजों को गुरुवार को शिफ्ट किया जा चुका है। जिले के 70 से अधिक बाढ़ प्रभावित गांवों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं।

शाहजहांपुर से सटे हरदोई में भी गर्रा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।रामगंगा का जलस्तर भी बढ़ रहा है। रेड जोन के 33 गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। सतर्कतावश 88 परिषदीय विद्यालयों को बंद कर दिया गया है। बाराबंकी में सरयू नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर है।

पहाड़ों पर बारिश थमने से बैराजों से बहराइच में भी पानी छोड़े जाने का सिलसिला कम हो गया है। यहां बैराजों पर घाघरा,सरयू और शारदा लाल निशान से नीचे बह रही है। लखीमपुर के पलिया में बनबसा बैराज से पानी का डिस्चार्ज घटने से शारदा नदी का जलस्तर भी कम हो गया है।वहीं निघासन में कई गांवों का संपर्क अभी भी टूटा है,सड़कों पर पानी है। सीतापुर के रतनगंज में लगातार शारदा नदी भूमि कटान कर रही है।बाढ़ प्रभावित परिवारों को दिन में एक बार भोजन का पैकेट दिया जा रहा है। तहसील प्रशासन के खिलाफ रतनगंज में बाढ़ प्रभावितों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।

वाराणसी,मीरजापुर और आजमगढ़ मंडल के कई जिलों में शुक्रवार को बूंदाबांदी दर्ज की गई।इस दौरान बलिया,सोनभद्र और मीरजापुर में वज्रपात की घटनाओं में दो महिलाओं समेत तीन की मौत हो गई। इसके अलावा पांच लोग झुलस गए।

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