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एक रोज़ा अजीमुश्शान ज़िक्र ए शुहदा ए कर्बला कॉन्फ्रेंस का हुआ आयोजन

शहीदाने करबला कमेटी इटावा के जानिब से जलसा ज़िक्र ए शुहदा ए कर्बला इतवार को लोहन्ना चौराहा राहतपुरा कॉलोनी में बड़े ही अकीदत के साथ मनाया गया | इस जलसे में उपस्थित जनों को खिताब फरमाते हुए मौलाना फहीम रजा ने इमाम हुसैन की कर्बला के मैदान में हुई शहादत के बारे में जानकारी दी। मौलाना ने कहा कि सच्चाई और अच्छाई के साथ जिंदगी बिताएं। इमाम हुसैन ने इस्लाम की खातिर अपने परिवार सहित खुद को कुर्बान कर दिया लेकिन यजीद का साथ नहीं दिया। नमाज़ को पाबन्दी से पढ़ने, झूठ नहीं बोलने, एक दूसरे की मदद करने पर जोर दिया। अन्य शायरो ने इमाम हुसैन की याद में नातो का गुलदस्ता पढ़ते हुए हाफिज कैफ ने कहा भर दो झोली मेरी या मोहम्मद, लौटकर मैं न जाऊंगा खाली वही मो.बिलाल मुसानी ने रहेंगे हश्र तक बाकी बाहत्तर करबला वाले, यजीदी मिट गए लेकिन है घर घर करबला वाले वही हाफिज अजीम संभली ने तड़प उठता है दिल लफ्जों मै दोहराई नहीं जाती,जबान पर दस्ताने कर्बला लाई नहीं जाती,वही हाफिज मोनिस रजा ने चाहते आप तो खुद दौड़ के आता पानी, या हुसैन! आपकी ठोकर से निकलता पानी, वही हाफिज साहिल ने नाना के लाड़ प्यार का ऐसा सिला दिया,गर्दन कटा के दीन का रुतबा बड़ा दिया नात शरीफ पढ़कर उपस्थित लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। हर तरफ नाराए तकबीर व नाराए हैदरी की सदाए गुजती रही। प्रोग्राम की निदामत (संचालन) शायर जनाब रियाज इटावी ने किया। आखिर में सलातो सलाम पढ़ जलसा मुकम्मल किया गया। इस दौरान मौलाना फहीम ने देश व दुनियां में अमन शांति व आपसी भाईचारे की दुआ मांगी। इस मौके पर मो.बिलाल मुसानी, मो शोएब, मो वकील (लारा),कुर्बान अली,बिलाल खान, शोएल खान सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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