डायल 112 व वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर जनपद में डॉ आशीष कर रहे है वन्यजीवों का सुरक्षित रेस्क्यू
इटावा। थाना बैदपुरा क्षेत्र के अंतर्गत नगला छत्ते स्थित उच्च प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय की मिड डे मील की रसोई में आज सुबह एक खतरनाक काला कोबरा सर्प प्रवेश कर रसोई में रखे सामान के पीछे छुप कर बैठ गया और तब रसोई में खाना बनाने जा रही रसोइयों की नजर उस कोबरा सांप पर पड़ी तो वे रसोई में खाने का सामान छोड़ कर बाहर डर से भाग खड़ी हुई। इसके बाद उन्होंने स्कूल की प्रधानाध्यापिका अभिलाषा तिवारी को तत्काल सूचित किया जिसके बाद प्रधानाध्यापिका ने जनपद के वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को फोन पर सूचना दी तत्पश्चात सूचना मिलने पर डॉ आशीष ने मौके पर जाकर उस खतरनाक कोबरा सर्प को 5 मिनट में ही सुरक्षित रेस्क्यू कर पूरे विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओ सहित बच्चों और रसोइयों को भय मुक्त कर दिया।
मौके पर मौजूद अभिलाषा तिवारी ने बताया कि, हम सभी सुबह विद्यालय खुलने पर इस सांप को देखकर बहुत ज्यादा परेशान थे क्यों कि विद्यालय में छोटे छोटे बच्चे भी पढ़ने आने वाले थे इसलिए हमे यह सोच कर ही बहुत डर लग रहा था। उन्होंने बताया कि इस समय विद्यालय ने 150 बच्चे भी मौजूद है। ऐसे में रेस्क्यू न होने पर कोई न कोई समस्या भी आ सकती थी। लेकिन अब डॉ आशीष त्रिपाठी के द्वारा कोबरा सांप का सुरक्षित रेस्क्यू करने के बाद से हम सबका डर बिल्कुल खत्म हो गया है और अब हम सभी सुरक्षित महसूस कर रहे है।
नगर पालिका परिषद इटावा के पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण के ब्रान्ड एम्बेसडर, मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर,डॉ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि, यह एक 3 से 4 फीट लम्बा फीमेल स्पेक्टिकल कोबरा सर्प था जिसमे खतरनाक न्यूरोटॉक्सिक वेनम मौजूद होता है जिसका इलाज भी सिर्फ एंटीवेनम से ही संभव होता है जो कि, जिला अस्पताल मोतीझील के इमरजेंसी वार्ड के कमरा नम्बर तीन में मौजूद है। उस कोबरा सर्प को रेस्क्यू के बाद वन विभाग इटावा के दिशा निर्देशन में उसके सुरक्षित प्राकृत वास में ले जाकर छोड़ दिया गया।
ज्ञात हो कि,जनपद इटावा में सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी जनता की बहुमूल्य जान बचाने के साथ साथ अब तक कई वन्यजीवों को उनके प्राकृतवास में सुरक्षित पहुंचाकर उन्हें जीवन दान दे चुके है। डॉ आशीष के अब तक के वन्यजीव संरक्षण के अथक प्रयासों से ही जनपद इटावा की जनता सर्पदंश के भय से अब भयमुक्त हो चुकी है।
संस्था ओशन के द्वारा जनपद में चलाए जा रहे सर्पदंश जागरूकता अभियान से प्रेरित और जागरूक होकर अब लोग सर्पदंश के बाद कोई भी झाड़ फूंक न करवाकर सीधे ही समय से अस्पताल आकर सर्पदंश का इलाज कराने लगे है। इसी क्रम में स्कूल के बच्चों को रेस्क्यू के बाद सर्पदंश के बाद के प्राथमिक उपचार की जानकारी भी प्रदान की गई ।
इस अवसर पर संस्था ओशन के डिस्ट्रिक कोर्डिनेटर डॉ पीयूष दीक्षित सहित नगला छत्ते विद्यालय का समस्त स्टाफ भी मौजूद रहा।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist