इटावा (सैंफई)23 अगस्त 2024।उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में शुक्रवार को भौतिक चिकित्सा और पुनर्वास (पीएमआर) विभाग में हुआ गोष्ठी का शुभारंभ माननीय प्रो. डॉ प्रभात कुमार सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि आमतौर से गर्दन,पीठ,कंधे और घुटने या अन्य दर्द (मस्कुलोस्केलेटल दर्द)के रूप में प्रकट होता है इसका प्रबंधन और वर्तमान रुझान जो मस्कुलोस्केलेटल दर्द रोगियों और चिकित्सक को दोनों के लिए एक चुनौती पूर्ण स्थित है पर लेकिन समय से इलाज और मल्टी मॉडल दृष्टिकोण से इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
गोष्ठी में डॉ. आरएमएलआईएमएस (लखनऊ) विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ. वीरिंदर सिंह ने दर्द प्रबंधन में पीएमआर विशेषज्ञ की भूमिका पर बात की। उन्होंने दैनिक गतिविधियों में जीवनशैली और मुद्रा के महत्व के बारे में बताया और कहा असामान्य मुद्रा विभिन्न मस्कुलोस्केलेटल दर्द का कारण बनती है। केजीएमयू लखनऊ के प्रो. डॉ सुधीर आर मिश्रा ने मस्कुलोस्केलेटल दर्द में प्लेटलेट रिच प्लाजमा जैसे जैविक एजेंटों की भूमिका पर अपने विचार प्रस्तुत किए व एसोसिएट कंसलटेंट मेदांता हॉस्पिटल गुरुग्राम के डॉ देवेंद्र कुमार ने जोड़ों और रीड में दर्द के इलाज के लिए इनवेसिव इमेज गाइड प्रक्रिया के बारे में जानकारियां साझा की।
आइए जानते हैं पीएमआर विभाग की भूमिका
यूपीयूएमएस पीएमआर विभागाध्यक्ष प्रो डॉ विनय कनौजिया ने बताया कि
फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (पीएमआर), जिसे फिजियाट्री के नाम से भी जाना जाता है, एक चिकित्सा विशेषज्ञता है जिसमें किसी ऐसे व्यक्ति की कार्यक्षमता को बहाल करना शामिल है जो किसी बीमारी, विकार या चोट के परिणामस्वरूप अक्षम हो गया हो।
फिजियाट्री व्यक्ति की शारीरिक, भावनात्मक, चिकित्सीय, व्यावसायिक और सामाजिक आवश्यकताओं को संबोधित करके संपूर्ण व्यक्ति की रिकवरी के उद्देश्य से एकीकृत, बहुविषयक देखभाल प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि इस विभाग में शरीर के किसी भी अंग में दर्द और चोट और न्यूरोलॉजिकल स्थितियां जैसे रीड़ की हड्डी की चोट, स्ट्रोक, दर्दनाक मस्तिष्क की चोट,खेल की चोट के उपचार का प्रबंधन किया जाता है इस विभाग की ओपीडी पुरानी बिल्डिंग में कमरा नंबर 16,17 में सोमवार से शनिवार तक चलती है।
कार्यक्रम में गरिमामय उपस्थिति प्रति कुलपति डॉ रमाकांत कुलसचिव डॉ चंद्रवीर, चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसपी सिंह, डीन आदेश कुमार, पीएमआर विभाग से डॉ धीरेंद्र उपस्थित रहे।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist