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व्यापार मण्डल के संगठनात्मक चुनाव व सम्मेलन की तैयार में जुटे व्यापारी, एक लाख प्रान्तीय सदस्य व 10,000 व्यापारी सैनिक तैयार करेगा व्यापार मण्डल

व्यापार मण्डल के संगठनात्मक चुनाव व सम्मेलन की तैयार में जुटे व्यापारी,
एक लाख प्रान्तीय सदस्य व 10,000 व्यापारी सैनिक तैयार करेगा व्यापार मण्डल।
सरकारी तन्त्र के उत्पीड़न से परेशान है आम व्यापारी!
व्यापारी सम्मान की रक्षा के लिए प्रदेश व्यापी आन्दोलन करेगा व्यापार मण्डल-लोकेश

इटावा। दिनांक 24.08.2024 को प्रान्तीय अध्यक्ष, लोकेश कुमार अग्रवाल के इटावा पहुॅचने पर व्यापारियों ने प्रदेश अध्यक्ष का भव्य स्वागत किया। प्रदेश अध्यक्ष ने राज रिसोर्ट, कानपुर रोड़, इटावा में आयोजित व्यापार मण्डल की बैठक में बोलते हुए अग्रवाल ने कहा कि व्यापार मण्डल की का प्रान्तीय अधिवेशन व त्रैवार्षिक चुनाव सितम्बर-2024 में प्रस्तावित है, जिसके लिए एक लाख प्रान्तीय सदस्य व व्यापारी सम्मान की रक्षा के लिए 10,000 व्यापारी सैनिकों की व्यापारी सेना के गठन की तैयारी चल रही है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में व्यापारी सेना के गठन की तैयारियां चल रही हैं। व्यापारियों में इस सेना में शामिल होने के लिए भरपूर उत्साह है। व्यापारी सेना का ड्रेस कोड, उनका परिचय पत्र, उनकी कार्यशैली व प्रशिक्षण शिविर आदि पर काम चल रहा है। प्रान्तीय सदस्यता का आई.कार्ड व सार्टीफिकेट भी उपलब्ध कराया जाएगा। व्यापार मण्डल के पदाधिकारी व व्यापारी सैनिकों को व्यापारियों हितों में लड़ने के लिए सक्षम बनाया जाएगा।
त्यौहारों पर सैम्पलिंग के नाम पर फूड विभाग व्यापारी उत्पीड़न कर अवैध वसूली की नियत से छापेमारी की कार्यवाही कर रहा है। फूड एक्ट की विसंगतियों पर बोलते हुए कहा की खाने-पीने के सभी सामान खेत से निकलकर आते हैं। खेती में डलने वाली रसायनिक खाद व कीटनाशक के मानक तय नहीं है सिंचाई में इस्तेमाल आने वाले भूगर्भ जल मैं भी भारी केमिकल इंबैलेंस है। सभी खाद पदार्थ फल सब्जी अनाज दाल मसाले आदि कृषि उपज पैदा करते समय खेती में अंधाधुंध कीटनाशक व रासायनिक खादों के इस्तेमाल होने के कारण प्राकृतिक रूप से अनेकों केमिकल अनियमितता होने वाली उपज में उत्पन्न हो चुकी है, जिससे खाद पदार्थों के मानक बदल गए हैं तब कृषि उपज से खाद्य पदार्थ बनाने वाला व्यापारी किस प्रकार दोषी हो सकता है। यह सोचने का विषय है, जब तक खेत में इस्तेमाल की जाने वाली रासायनिक खाद व कीटनाशक के मानक तय ना किए जाएं जब तक व्यापारियों के खाद्य पदार्थों की सेंपलिंग बंद की जाए।
मल्टीनेशनल कंपनी व कॉरपोरेट घराने के सील बंद खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल आने पर कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की जाए ऐसे मामलों में रिटेल के दुकानदार को बिना किसी अपराध किए दंडित किया जा रहा है। बिना किसी कारण निरापराध रिटेल के व्यापारियों को दंडित किया जाना बिल्कुल गलत है।
प्रांतीय अधिवेशन से पहले संपूर्ण उत्तर प्रदेश के सभी नगर पालिका व नगर पंचायत में व्यापारी सम्मान की रक्षा के लिए इकाईयां बनाने का संकल्प लिया है।
क्रमशः-

साप्ताहिक बंदी के नाम पर हो रहे व्यापारी उत्पीड़न के विषय में बोलते हुए कहा कि शॉपिंग माल व ऑनलाइन शॉपिंग 24 घंटे 365 दिन चालू व रिटेल का बाजार बंद, यह दो तरह की व्यवस्था बिल्कुल गलत है। साप्ताहिक बंदी यदि आवश्यक है, तो सभी बंद होने चाहिए अन्यथा रिटेल की दुकानों पर भी कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए साप्ताहिक बंदी लेबर को अवकाश देने के लिए बनाई गई थी अधिकांश रिटेल की दुकानों पर बाप-बेटे या भाई भाई काम कर रहे हैं। मगर अधिकारियों द्वारा साप्ताहिक बंदी को अंधा कानून बना दिया गया है। 7 दिन दुकान खोलने का लाइसेंस लेने के बाद भी नगर पालिका के अधिकारी, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी जबरदस्ती दुकान बंद कराने की कार्यवाही कर रहे हैं, अधिकारियों का काम नियमों का पालन करवाना है ना कि अपने स्तर पर नए नियम बनाकर थोपना।
जीएसटी विभाग के जो अधिकारी व कर्मचारी बड़े नगरों को छोड़ अब गांव तथा छोटे कस्बों में दुकान चलाने वाले ऐसे व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं, जिनका टर्नओवर कभी भी 40 लाख के दायरे को नहीं छू सकता, जबकि सरकार द्वारा 40 लाख तक टर्नओवर वाले व्यापारियों जीएसटी पंजीकरण से बाहर रखा है। सरकारी आदेश को दरकिनार कर अधिकारी अवैध वसूली के लिए दबाव बनाकर व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं।
अधिकांश दुकानों में पानी के कनेक्शन की आवश्यता नहीं होती है, परन्तु स्थानीय निकाय द्वारा गृहकर के बिलों सभी से जलकर वसूला जा रहा है। जिन दुकानों पर पानी का कनेक्शन नहीं है वहॉ से जलकर की वसूली का कोई औचित्य नहीं है।
स्थानीय निकाय द्वारा पालोथीन पाबंदी के नाम पर फुटकर के छोटे दुकानदारों पर जुर्माना किया जा रहा है। प्रतिबन्धित पोलोथीन के उत्पादन पर रोक नहीं लगाई जा रही है। बाजारों में चालान व जुर्माना करने के स्थान पर प्रतिबन्धित पोलोथीन के निर्माण पर रोक लगाई जानी चाहिए।
प्रदेश में अधिकारियों के मनमानी रवैया की वजह से व्यापार व उद्योगो को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिसमें बिजली विभाग से संबंधित कठिनाइयों से व्यापारी सर्वाधिक पीड़ित है।
बिजली की अघोषित कटौती से व्यापार व उद्योग धंधे प्रभावित हो रहे हैं। विद्युत कटौती को सार्वजनिक रूप से घोषित किया जाए तथा रोस्टर बनाकर नियमित सप्लाई रोस्टर के अनुसार की जाए। मेंटीनेंस का कार्य कटौती के समय किया जाए। स्मार्ट मीटर सामान्य मीटर के मुकाबले अधिक तेज चल रहे हैं स्मार्ट मीटरो की जांच कराकर अधिक की जा रही वसूली पर रोक लगाई जानी चाहिए।
सरकार द्वारा नया उद्योग लगाने पर 10 साल तक विद्युत बिल में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी 7रू 50 प्रतिशत छूट दिए जाने के आदेश किए गए थे बिजली का कनेक्शन लेते समय सभी आवश्यक दस्तावेज विभाग में जमा किए जाते हैं इसलिए सभी नए औद्योगिक कनेक्शनों पर स्वतः 7रू 50 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की छूट 10 साल के लिए प्रदान की जाए।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष सर्वेश चौहान, अखिलेश वर्मा, जिला अध्यक्ष आलोक दीक्षित, महिला प्रदेश उपाध्यक्ष सुशीला राजावत, महामंत्री रिषी पोरवाल, कोषाध्यक्ष कामिल कुरैशी, महिला जिलाध्यक्ष अर्चना कुशवाहा, युवा जिलाध्यक्ष रियाज अब्बासी,हाजी शंहशाह वारसी,शहर अध्यक्ष संजय वर्मा, भारतेन्द्र भारद्वाज,बृजेन्द्र यादव सहित
धन्यवाद।
भवदीय

(लोकेश अग्रवाल)
प्रान्तीय अध्यक्ष

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