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माता -पिता /वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति में जबरन हस्तक्षेप पर होगी कैद

इटावा माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 (वरिष्ठ नागरिक अधिनियम) के अंतर्गत उप जिला अधिकारी इटावा सदर की अदालत से किए गए एक महत्वपूर्ण और विशेष निर्णय में वरिष्ठ नागरिक दंपति की ओर से दाखिल याचिका पर अदालत ने वरिष्ठ नागरिक दंपत्र के पुत्र पुत्रवधू और नातियों को अधिनियम की धारा 21 के अंतर्गत उनकी संपत्ति में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप या प्रवेश से निषेध किया है।

वरिष्ठ नागरिक दंपति नरेंद्र सिंह भदोरिया, अवकाश प्राप्त शिक्षक और उनकी पत्नी संतोष देवी निवासी गड़ियां मुलू सिंह, बडपुरा इटावा ने अपने बड़े पुत्र संजय भदोरिया अपनी बहू और दो नातियों के विरुद्ध जबरन उनके मकान और कृषि भूमि में बार-बार प्रवेश करने ,खेती आदि में बाधा डालने, मकान में जबरन ताला डालने के बार-बार प्रयास करने और तंग करने को लेकर वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के अंतर्गत बाद दाखिल किया था। दोनों पक्षों को सुनकर और अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत उप जिलाधिकारी इटावा सदर/ अध्यक्ष भरण पोषण अभिकरण परगना इटावा की अदालत ने दिनांक 11 :7 :2024 को वरिष्ठ नागरिक दंपति के पक्ष में निर्णय देते हुए प्रतिपक्षी गणों के विरुद्ध निर्णय देते हुए कहा है कि उन्हें वरिष्ठ नागरिक दंपति की गढ़िया मुलु सिंह स्थित कृषि भूमि एवं मकान जिनके मालिक और काबिज वरिष्ठ दंपति हैं, में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप या प्रवेश से निषेध किया जाता है ,यदि कोई विपक्षी आदेश का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसे जुर्माना तथा एक माह के कारावास से दंडित किया जाएगा।


इस मामले में बुजुर्ग दंपति की विधिक सहायता प्रदान कर रहे अधिवक्ता आशुतोष दीक्षित ने इस फैसले को मील का पत्थर बताया और बुजुर्ग नागरिकों के हितों की रक्षा का कारगर साधन बताया जो की वरिष्ठ नागरिकों को उनके अपनों के द्वारा किए जा रहे शोषण और आतंक से मुक्ति दिलाने में सहायक होगा परंतु साथ ही साथ यह भी कहा कि यह भी आवश्यक है कि वरिष्ठ नागरिक कानून के , लिए बनी अदालते , जिनके पास प्रशासनिक शक्तियां भी हैं , अपने निर्णयों का सख्ती के साथ अनुपालन भी करायें तभी सही अर्थों में वरिष्ठ नागरिकों के हितों का संरक्षण हो पाएगा।

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