बहराइच।उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महसी तहसील के 50 गांवों में आदमखोर भेड़ियों ने आतंक मचा रखा है।ये आदमखोर भेड़िए दस की जान ले चुके हैं और 50 को घायल चुके हैं। आतंक का पर्याय बने चार आदमखोर भेड़ियों को पहले पकड़ा जा चुका है।आदमखोर भेड़ियों के झुंड में शामिल पांचवे भेड़िये को आज मंगलवार तड़के वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है।अब वन विभाग को अल्फा नाम के भेड़िये की तलाश है।
बहराइच के प्रभागीय वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि आदमखोर भेड़ियों के झुंड में शामिल एक भेड़िए को आज तड़के करीब सवा छह बजे महसी तहसील के सिसैया चूणामणि गांव के हरबख्शसिंह पुरवा से पकड़ा गया। यह मादा भेड़िया है। उन्होंने बताया कि यह पिछले करीब डेढ़ महीने से महसी तहसील के 50 गांव में आतंक का पर्याय बने छह भेड़ियों के झुंड का पांचवां सदस्य है।
अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि अब इस झुंड का आखिरी भेड़िया बचा रह गया है और वह अल्फा भेड़िया हो सकता है, जिसे जल्द ही पकड़े जाने की उम्मीद है।इससे पहले वन विभाग की टीम ने गत 29 अगस्त को झुंड में शामिल चौथे भेड़िये को पकड़ा था। सिंह ने बताया सोमवार शाम करीब छह बजे चक मार्ग पर हमें दो भेड़ियों के पैरों के निशान दिखे। वहीं, कौवों का झुंड भी दिखा। इसी बीच खबर आई कि पास के नथुवापुर गांव से एक पालतू बकरी गायब है। इससे यह तय हो गया था कि भेड़िये ने बकरी को उठाकर खाया है और अब इनका जोड़ा यहीं कहीं आराम कर रहा होगा। शाम या रात में अभियान संभव नहीं था इसलिए हम जाल,पिंजरा,खाबड़ (लकड़ी के फ्रेम वाला जाल), साधारण व थर्मल ड्रोन लेकर वहीं इनके मूवमेंट के इंतजार में बैठ गये।
अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह पांच बजे हमने अभियान शुरू किया।हमने कांबिंग शुरू की,पटाखे चलाए और भेड़िये को जाल की तरफ ले जाने में कामयाब हो गये।सिंह ने बताया कि करीब सवा छह बजे एक भेड़िया हमारे जाल में फंस गया।उसे हमने पिंजरे में कैद कर लिया।यह एक मादा भेड़िया है।उसका जोड़ीदार नर भेड़िया मौके से भाग निकला है,जो भाग निकला है शायद वही इस झुंड का मुख्य भेड़िया अल्फा है।जब तक झुंड में शामिल आखिरी भेड़िया नहीं पकड़ लिया जाता तब तक मुश्किल खत्म नहीं होगी।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist