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मुख्तार अंसारी की मौत के 5 महीने बाद भी खाली है तन्हाई बैरक, 6 कैमरों से होती है निगरानी,एक सिक्योरिटी गार्ड रहता है तैनात

बांदा।जरायम की दुनिया बेताज बादशाह माफिया मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा जेल में तबीयत बिगड़ गई थी। मुख्तार को फौरन बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,जहां इलाज के दौरान मुख्तार की मौत हो गई थी। अस्पताल द्वारा जारी मेडिकल रिपोर्ट में भी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया था।

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को पांच महीने से अधिक हो गया है।मुख्तार बांदा जेल की जिस तन्हाई बैरक में कैद था वहां अभी भी किसी कैदी को नहीं लाया गया है।बैरक अभी भी सील है।बैरक की सुरक्षा व्यवस्था आज भी पहले के जैसी है।बैरक की निगरानी 6 सीसीटीवी कैमरों से हो रही है। बाहर एक सुरक्षा गार्ड को तैनात किया जाता है।24 घंटे इस बैरक पर नजर रखी जाती है।जेलर ने इसके पीछे की वजह बताई।

पंजाब की रोपड़ जेल से सात अप्रैल 2021 को माफिया मुख्तार अंसारी को बांदा मंडल कारागार लाया गया था।इसके बाद बांदा मंडल कारागार की सुरक्षा और बढ़ा दी गई थी। हाई सिक्योरिटी जेल के चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे,जिस बैरक में मुख्तार को रखा गया उसकी निगरानी के लिए अलग से छह कैमरे लगवाए गए थे।बैरक में लगे कैमरे सीधे कमांड ऑफिस लखनऊ से कनेक्ट किए गए थे।

28 मार्च 2024 की शाम को दिल का दौरा पड़ने से माफिया मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।मौत पर कई तरह के सवाल उठे तो ज्यूडिशियल और मजिस्ट्रेटी जांच बैठाई गई।मुख्तार का परिवार इसे हत्या बता रहा है। मुख्तार के परिवार का कहना है कि मुख्तार की मौत जेल के अंदर धीमा जहर देने से हुई है।वो बार-बार कोर्ट से बस यही अपील कर रहे हैं कि मामले की फिर से जांच हो,क्योंकि मुख्तार की ये कोई साधारण मौत नही है।

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक यह बैरक सील है।कोई भी बंदी यहां नहीं लाया गया है।मुख्तार मामले में मजिस्ट्रियल जांच में मौत होने की वजह हार्टअटैक होना पाया गया है।प्रशासन ने यह रिपोर्ट शासन को भेज दी है।इसके पहले पोस्टमार्टम और विसरा जांच रिपोर्ट में भी जहर की पुष्टि नहीं हुई थी।फिर भी बैरक सील है।बैरक की निगरानी के लिए कैमरे अभी भी चालू हैं और जेल अधिकारी लगातार बैरक पर नजर रख रहे हैं।

इस मामले में बांदा मंडल कारागार के जेलर ने बताया कि मुख्तार अंसारी की मौत की ज्यूडिशियल और मजिस्ट्रेटी जांच के लिए साक्ष्य संकलन के बाद तन्हाई बैरक को सील कराया गया था।तब से बैरक सील है।अब तक बैरक को खोलने के आदेश नहीं हुए हैं।सुरक्षा-व्यवस्था और निगरानी पहले जैसी ही है।छह सीसीटीवी कैमरों से बैरक पर नजर रखी जाती है। जब तक इसे खोलने के आदेश नहीं मिलते तब तक इसी तरह यहां निगरानी रखी जाएगी और न ही किसी बंदी को तब तक लाया जाएगा।

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