कानपुर।उत्तर प्रदेश में रेल हादसा कराने की रची जा रही साजिश थमने का नाम नहीं ले रही है।कानपुर-झांसी रूट पर बोल्डर,कासगंज रेलवे लाइन पर एलपीजी सिलिंडर के बाद रविवार को हावड़ा रूट पर छोटा सिलिंडर रखकर ट्रेन पलटाने की तीसरी बड़ी साजिश नाकाम हुई है।जांच एजेंसियों को अंदेशा है कि कहीं ये घटनाएं किसी बड़ी वारदात के लिए ट्रायल भी हो सकती हैं।तीनों जगह हुई घटनाओं में कई समानताएं हैं,जिससे उनकी कड़ियों को एक-दूसरे से जोड़कर देखा जा रहा है।पुलिस,आरपीएफ,जीआरपी और रेलवे के अधिकारी इसका आकलन कर रहे हैं।
कानपुर-झांसी रूट पर भीमसेन स्टेशन के पास 16 अगस्त की रात लगभग 2:33 बजे रेलवे लाइन पर लोहे की पटरी फंसा दी गई थी,जिससे वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस के इंजन समेत 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।
आठ सितंबर को कानपुर-कासगंज रेलवे लाइन पर बर्राजपुर स्टेशन से आगे ट्रैक पर भरा एलपीजी सिलिंडेर और किनारे की ओर पेट्रोल भरी शीशी और बारूद रखा गया था। मंधना की ओर से बर्राजपुर स्टेशन को क्रॉस करते हुए जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के इंजन से टकराकर सिलिंडर क्षतिग्रस्त हो गया था।अब रविवार को अराजकतत्वों ने कानपुर हावड़ा रूट पर प्रेमपुर स्टेशन के आगे लूप लाइन पर एलपीजी का छोटा सिलिंडर रखकर ट्रेन पलटाने की साजिश रची।
तीनों घटनाओं में ये समानताएं
तीनों ही घटनास्थल राष्ट्रीय राजमार्ग से नजदीक हैं।साबरमती के दुर्घटनाग्रस्त होने वाली जगह पनकी हाईवे से महज सवा किलोमीटर रही।कालिंदी एक्सप्रेस के साजिश वाला स्थान शिवराजपुर टोल प्लाजा से 300 मीटर दूर था। प्रेमपुर स्टेशन की लूप लाइन पर सिलेंडर रखने की दूरी फतेहपुर हाईवे से 2.1 किलोमीटर थी।
साबरमती,कालिंदी एक्सप्रेस,मालगाड़ी पर जहां साजिश रची गई,वहां अधिकतर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाती है।भीमसेन स्टेशन के नजदीक,जबकि बर्राजपुर स्टेशन को क्रॉस करते ही ट्रेनें 100 किलोमीटर की गति पकड़ लेती हैं। प्रेमपुर स्टेशन के आसपास ट्रेनें 110 किलोमीटर की रफ्तार में चलती हैं।
तीनों ही घटनास्थल के नजदीक चार पहिया वाहनों से आसानी से पहुंचा जा सकता है।आसपास के लोगों का कहना है कि देर रात में अक्सर लोग गाड़ी में बैठकर शराब पीते हैं। कई बार ट्रैक के पास भी लोगों को टहले हुए देखा गया है। पुलिस ने पूछताछ शुरू भी कर दी है।
जीआरपी ने रिपोर्ट दर्जकर शुरू की जांच
जीआरपी ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) विश्राम मीणा की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ ट्रेन को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। जीआरपी ने घटनास्थल पर कई लोगों से पूछताछ भी की। लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों के बयान लिए गए। इसमें पुलिस और आरपीएफ का सहयोग लिया जा रहा है।
जीआरपी इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। कई पहलुओं पर जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में किसी के शरारत करने की बात भी सामने आ रही है।वहीं दूसरी ओर डॉग स्क्वॉड, बम निरोधक दस्ते और फॉरेंसिक की टीम ने भी घटनास्थल की जांच की। उनकी रिपोर्ट भी जल्द ही आ सकती है।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist