लखनऊ।लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है।चुनाव दर चुनाव गिरता वोट बैंक का ग्राफ बसपा के लिए बड़ी चिंता का विषय है।बसपा मुखिया मायवती ने फिर से अपने मूल वोटरों को एकजुट करने का फैसला किया।इसके लिए मायावती का अपीलीय पत्र घर-घर भेजा जा रहा है।इसमें आरक्षण,संविधान,बाबा साहब और दलितों को लेकर कांग्रेस की चालबाजी को लेकर जहां आगाह किया गया है तो वहीं राजनीतिक दलों की कार्यशैली पर जमकर सवाल उठाए गए हैं।
बसपा मुखिया मायावती ने एक अपील पत्र घर-घर भेजने का फैसला किया।इस पत्र में कांग्रेस के नेताओं द्वारा बाबा साहब को चुनाव में हराने से लेकर उसकी सरकार में आरक्षण नीतियों पर ढुलमुल रवैया पर सवाल उठाया। इसके साथ ही सपा नेताओं द्वारा किया गया स्टेट गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र कर दोनों पार्टियों की दलितों के प्रति सोच को उजागर किया है।यही नहीं मायावती ने भाजपा सरकार पर भी हमला बोला।
उपचुनावों से दूर रहने वाली बसपा ने यूपी में दस विधानसभा में होने वाले उपचुनाव के मैदान में उतरने का फैसला किया है। इसके लिए विधानसभा प्रभारी भी घोषित कर दिये गए हैं।साथ ही बसपा मुखिया मायावती पदाधिकारियों के साथ बैठकर रणनीति तय कर रही हैं।साथ ही जमीनी स्तर पर कार्यरत संगठन का फीड बैक भी ले रही हैं। इस दौरान सपा-कांग्रेस-भाजपा की चल रही दलितों को जोड़ने की पहल को लेकर मायावती चौकन्ना हो गई हैं।भाजपा जहां दलित-पिछड़ों के लिए सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का बखान कर पार्टी के प्रति लगाव बढ़ा रही है।सपा-कांग्रेस पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक(पीडीए) के मुद्दे के जरिये आगे बढ़ रही हैं।ये दोनों पार्टी बाबा साहब के नाम के सहारे आरक्षण, संविधान बचाओ के नारे के साथ मैदान में है।
बसपा के मंडल कॉर्डिनेटर डॉक्टर भीम राव अंबेडकर ने कहा कि उपचुनाव को लेकर बसपा की तैयारी चल रही है।पार्टी व कैडर के लोग सर्वसमाज से मिल रहे हैं।खासकर जो पार्टियां दलितों,संविधान और आरक्षण हितैषी होने का दावा कर रही हैं उनकी हकीकत वंचित समाज के बीच उजागर की जा रही है। इसके लिए बसपा प्रमुख की अपील घरों तक पहुंचाई जा रही है,जिसमें यह भी बताया गया है कि सबसे ज्यादा दिनों तक देश पर शासन करने वाली कांग्रेस ने दलितों और बाबा साहब के साथ कैसे धोखा किया।
उत्तर प्रदेश में दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसमें करहल,मिल्कीपुर,कटेहरी,कुंदरकी,गाजियाबाद,खैर, मीरापुर,फूलपुर,मंझवा और सीसामऊ विधानसभा है।इनमें 5 सपा के पास थी।रालोद और निषाद पार्टी एक-एक सीट जीती थी। भाजपा भी 3 सीटें जीती थी।इन सीटों पर बसपा के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है।अगर बसपा जीत दर्ज करने में कामयाब हो पाई तो उसे आगामी चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं को जोड़ने में मदद मिल सकेगी।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist