हाथरस।उत्तर प्रदेश का हाथरस अपनी हींग के लिए दुनिया में जाना जाता है।इसे हींग का भी शहर कहते हैं,जिसके लिए सुर्खियों में रहना इसकी असली पहचान होनी चाहिए और शायद है भी,लेकिन आजकल हाथरस जिन बातों को लेकर चर्चा में है वो कोई अच्छी बात नहीं है।अजय देवगन की फिल्म दृश्यम तो आप सभी ने देखी होगी,लेकिन एक ऐसी सच्ची घटना है जो किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं है।आमतौर पर यूपी में ऐसे मामले सामने आते हैं,जिन्हे देखकर या सुनकर हैरानी होती है और किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी सा महसूस होने लगता है।ये मामला भी कुछ ऐसा ही है जिसे सुनकर गांव वाले तो चौंके ही खुद उस पिता के बेटे ने ऐसे खुलासे किए जो 30 साल पहले घर के आंगन में दफनाया जा चुका है।
हाथरस जिले के मुरसान थाना क्षेत्र के गिलोंदपुर गांव में एक घर में गुरुवार को 30 साल बाद एक नरकंकाल मिला तो गांव में हड़कंप मच गया।बताया गया कि 30 साल पहले बेटे और पत्नी ने मिलकर अपने ही पति को मार डाला फिर अपने ही घर के आंगन में दफना दिया।जब ये बात पूरे गांव में फैली तो सुर्ख़ियों में ये मामला सामने आया। 30 साल पुराने हत्या के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है।मृतक के एक बेटे का आरोप है कि उसके दो भाइयों और मां ने कुछ लोगों के साथ मिलकर 30 साल पहले उसके पिता की हत्या कर दी थी और लाश को इसी जगह दफना दिया था।
हाथरस में 30 साल से जिस लापता बुद्ध सिंह को उसके परिवार वाले और रिश्तेदार एक शहर से दूसरे शहर में तलाश रहे थे उसका कंकाल उसी के घर के आंगन की खुदाई में बरामद हुआ।इस नरकंकाल की तलाश में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में एक मकान के अंदर खुदाई शुरू कराई गई।छोटे बेटे पंजाबी सिंह ने अपने भाइयों से परेशान होकर जब इस मामले की शिकायत दर्ज कराई तो मुरसान थाना प्रभारी विजय कुमार सिंह ने मामले की जानकारी कर खुदाई शुरू करवाई तो घर के आंगन में नरकंकाल निकला।
मुरसान थाना प्रभारी विजय कुमार सिंह ने बताया कि पंजाबी सिंह की शिकायत के आधार पर गुरुवार को मामले में डीएम के आदेश के बाद उनके घर पर खुदाई का काम किया गया था।खुदाई के दौरान उनके घर में एक कंकाल मिला, जिसके बाद उसे पोस्टमॉर्टम और डीएनए परीक्षण के लिए भेजा गया। अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है।डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि मृतक बुद्ध सिंह किसान थे और उनकी पत्नी का नाम उर्मिला था।इनके के चार बेटे थे।प्रदीप,मुकेश,बस्तीराम और पंजाबी सिंह।साल 1994 में बुद्ध सिंह अपने घर से लापता हो गये थे और फिर कभी नहीं मिले।
पंजाबी सिंह ने पूरे मामले का खुलासा कर बताया कि जब वो महज 9 साल के थे तब उनके पिता की हत्या कर दी गयी थी और बॉडी गायब थी।उन्होंने बताया कि मेरे भाई ने नशे में जब उस वारदात का खुलासा किया और मुझे धमकाया तब मुझे सब कुछ याद आया।
अपने बड़े भाइयों से परेशान होकर जब पंजाबी सिंह ने पिछले दिनों डीएम रोहित पांडेय को एक प्रार्थना पत्र दिया तो अपने लेटर में गुजारिश की कि उसके बताए गए स्थान की खुदाई कराई जाए तो उसके पिता के नरकंकाल के अवशेष आज भी निकल आएंगे।पंजाबी सिंह ने इस मामले को लेकर डीएम के अलावा अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया।डीएम के आदेश पर गुरुवार को सदर एसडीएम नीरज शर्मा फोर्स के साथ पंजाबी सिंह के मकान पर पहुंचे और खुदाई शुरू कराई।गांव के लोग भी पंजाबी सिंह की बात का समर्थन कर रहे हैं।जब मामले की जांच शुरू हुई तो 30 साल पुराने केस की परते खुलती ही चली गयी।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist