इटावा। कल्याण मित्र धम्म समागम का आयोजन किया गया जिसमें की जनपदों के उपासक उपासिकाओं ने प्रतिभाग किया। समागम में जनकल्याण हेतु ध्यान साधना केन्द्रों की संख्या बढ़ाए जाने तथा पाली भाषा पुनर्जागरण अभियान चलाए जाने पर जोर दिया गया।
भरथना रोड स्थित एक समारोह स्थल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आईआरएस भरत प्रकाश शाक्य संयुक्त विकास आयुक्त एमएसएमई भारत सरकार ने कहा कि मनुष्य के संपूर्ण विकास के लिए विपश्यना ध्यान साधना का सतत अभ्यास आवश्यक है इसके द्वारा व्यक्ति समाज और राष्ट्र का कल्याण संभव है। वर्तमान दौर में मानव जीवन में विद्यमान चुनौतियों का समाधान तथागत बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही संभव है। मानसिक समस्याएं ईर्ष्या द्वेष क्रोध व आपसी मनमुटाव विपश्यना के अभ्यास से ही दूर किए जा सकते हैं। उन्होंने पाली भाषा के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
कल्याण मित्र फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. सी पी शाक्य ने कहा कि फाउंडेशन अब कल्याण मित्र ध्यान साधना केंद्र की नई शाखाओं का विस्तार करेगा। युवाओं को विपश्यना ध्यान से जोड़ने हेतु अभियान चलाते हुए विभिन्न संस्थाओं विद्यालयों आदि में ध्यान साधना केन्द्र खोलने का काम किया जाएगा। पाली भाषा पुनर्जागरण अभियान के तहत बुद्ध धम्म संघ की संस्कृति व साहित्य का प्रसार किया जाएगा। बुद्ध की मूल वाणी पाली भाषा में है। विलुप्त हो रही इस पाली भाषा के लिए पुनर्जागरण अभियान चलाया जाएगा।
कल्याण मित्र फाउंडेशन की विभिन्न शाखाओं से आए साधक साधिकाओं को विपश्यना ध्यान कराया गया। बौद्ध भिक्षुओं ने मानवता का संदेश दिया। रामधन शाक्य, निर्मल बौद्ध, डॉ. शिवकुमार शाक्य, एड. ममता शाक्य, एड. रिषभ शाक्य, एड. मनोज शाक्य, प्रेम कुमार शाक्य, डॉ एस के, बालभ्यासी शाक्य, केपी शाक्य आदि ने साधक साधिकाओं को पंचशील पट्टिका पहनाकर धम्म पद प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन मनोज शाक्य अध्यापक ने किया।
इस दौरान धीरेंद्र कुशवाहा, ललित शाक्य, प्रदीप शाक्य, डॉ. सुधीर कुमार, युवा संगठन अध्यक्ष विवेक शाक्य, एड. शैलेंद्र शाक्य, नवनीत कुमार, अवनीश पाल, एस आर सिंह, राजीव शाक्य, रिंकू शाक्य आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist