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यूपीयूएमएस के डॉ सुशील कुमार के दो उपकरणों को मिला पेटेंट

इटावा (सैफई)1 अक्टूबर 2024। यूपीयूएमएस के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ सुशील कुमार ने मधुमेह प्रबंधन व रक्तचाप जांच के लिए
दो डिवाइस
कंटीन्युअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस,कंटीन्यूअस बीपी मॉनिटरिंग डिवाइस उपकरणों को भारत सरकार से मिला पेटेंट।

उनकी इस उपलब्धि के लिए माननीय कुलपति प्रो डॉ प्रभात कुमार सिंह ने बधाई दी।
डॉ सुशील ने बताया कि मौजूदा मधुमेह प्रबंधन तकनीक मुख्य रूप से रक्त में ग्लूकोज की जांच व निगरानी के लिए एक सामान्यीकृत उपचार दृष्टिकोण पर निर्भर करती है। ये विधियाँ अक्सर असुविधा का कारण बनती हैं, जिससे रोगी का खराब और कम प्रभावी परिणाम मिलते हैं। इसके अलावा, वैयक्तिकरण की कमी और विलंबित उपचार समायोजन प्रत्येक रोगी की उनकी स्वयं की ज़रूरतों को पर्याप्त रूप से मैनेज करने में विफल रहते हैं।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए उपकरण से
प्रस्तावित उपकरण एक नॉन इनवेसिव, रियल टाइम ग्लूकोज निगरानी प्रणाली प्रदान करता है ,जो कि एक उन्नत चिकित्सीय वितरण तंत्र के साथ संयुक्त है। यह व्यक्तिगत और अनुकूली उपचार देने के लिए साइनोबैक्टीरिया से बायोएक्टिव यौगिकों का उपयोग करता है। अत्याधुनिक सेंसर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस को शामिल करके, डिवाइस लगातार ग्लूकोज के स्तर की निगरानी करता है और वास्तविक समय के डेटा के आधार पर उपचार को तुरंत समायोजित करता है।

पोर्टेबिलिटी और उपयोग में आसानी के लिए डिज़ाइन किया गया, यह उपकरण जेब या बैग में आसानी से फिट हो सकता है और इसमें उपयोगकर्ता के अनुकूल टचस्क्रीन इंटरफ़ेस है। प्रमुख विशेषताओं में उन्नत नॉन इनवेसिव ग्लूकोज सेंसर, एक स्वचालित प्रणाली जो साइनोबैक्टीरियल यौगिकों और इंसुलिन को वितरित करती है, और व्यक्तिगत उपचार योजनाओं के लिए एआई संचालित एल्गोरिदम शामिल हैं।

अतिरिक्त सुविधाओं में व्यक्तिगत स्वास्थ्य प्रबंधन उपकरण शामिल हैं जो आहार और जीवनशैली संबंधी सिफारिशें प्रदान करते हैं, और एक फीडबैक सिस्टम जो उपयोगकर्ताओं को डिवाइस में सुधार करने और चल रहे शोध का समर्थन करने की अनुमति देता है। यह कॉम्पैक्ट, हल्का डिवाइस कुशल पावर प्रबंधन के माध्यम से विस्तारित उपयोगिता सुनिश्चित करता है, रोगी के आराम, उपचार प्रभावशीलता और प्रतिक्रिया को बढ़ाकर समग्र मधुमेह प्रबंधन में सुधार करता है।
दूसरा उपकरण
की जानकारी इस प्रकार है
पारंपरिक रक्तचाप मॉनिटरिंग सिस्टम आमतौर पर कफ-आधारित विधियों पर निर्भर करते हैं, जो बार-बार मापने पर असुविधाजनक और कष्टदायी होते हैं। ये निरंतर, वास्तविक समय के रक्तचाप रीडिंग प्रदान करने में असमर्थ होती हैं, जो महत्वपूर्ण देखभाल में जरूरतमंद मरीजों के लिए अत्यधिक आवश्यक हैं। इसके अलावा, मौजूदा उपकरणों को मैनुअल ऑपरेशन की आवश्यकता होती है और वे वायरलेस तकनीक के साथ पूरी तरह से एकीकृत नहीं होते हैं, जिससे डेटा का सुचारू रूप से स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं या व्यक्तिगत उपकरणों तक प्रसारण संभव नहीं होता।

प्रस्तावित उपकरण इन समस्याओं को हल करता है और अर्धचालक जिंक ऑक्साइड द्वारा पाईजोइलेक्ट्रिक नैनोवायर्स का उपयोग करता है, जो बेहद सूक्ष्म बलों (कुछ पिकोन्यूटन तक) का पता लगा सकता है। इससे निरंतर, अत्यधिक सटीक, , कफ रहित रक्तचाप मॉनिटरिंग संभव हो पाती है। यह उपकरण वायरलेस तकनीक के साथ एकीकृत होता है, जिससे अस्पताल के सिस्टम और व्यक्तिगत उपकरणों, जैसे कलाई पर पहने जाने वाले मॉनिटरों, तक वास्तविक समय में डेटा का प्रसारण होता है।

कॉम्पैक्ट और हल्का, यह मॉनिटर कलाईबैंड या पैच जैसे पहनने योग्य तकनीकों में समायोजित किया जा सकता है। इसका बाहरी आवरण बायोकंपैटिबल (जीव-अनुकूल) सामग्री से बना होता है, जिससे यह लंबे समय तक त्वचा के संपर्क में सुरक्षित रहता है। आंतरिक रूप से, जिंक ऑक्साइड से लेपित नैनोवायरों की एक श्रृंखला यांत्रिक तनाव के माध्यम से रक्तचाप में होने वाले परिवर्तनों को मापती है। यह घटक एक लचीले सब्सट्रेट में संलग्न होते हैं, जो शरीर के प्राकृतिक आकार के अनुसार ढल जाता है, जिससे सटीकता और आराम में सुधार होता है। इस उपकरण में एक छोटा बैटरी और एक लो-एनर्जी ब्लूटूथ मॉड्यूल भी शामिल होता है, जिससे इसे बार-बार चार्ज किए बिना वायरलेस रूप से संचालित और कनेक्टेड रखा जा सकता है। इस नवाचार से स्वास्थ्य सेवा में पूर्वानुमानित हस्तक्षेप की संभावना बढ़ती है, जिससे रोगियों के परिणाम बेहतर होते हैं और चिकित्सा सेवाओं की दक्षता में सुधार होता है।

डॉ सुशील ने बताया कि इन दोनों डिवाइस को बनाने में उनकी पत्नी जो कि वरिष्ठ स्त्री एवम् प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ शैलजा कटियार व मेडिसिन विभाग विभागाध्यक्ष प्रो मनोज कुमार ,का भी सहयोग रहा है।
डॉ सुशील की इस उपलब्धि के लिए प्रति कुलपति डॉ रमाकांत, चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसपी सिंह, संकायाध्यक्ष डा आदेश कुमार ने भी बधाई दी।

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