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ईरान के आध्यात्मिक नेता सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई का बाराबंकी से है नाता,आइए जानें

बाराबंकी।ईरान ने इजराइल पर मंगलवार रात बड़ा हमला किया।ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ 200 से ज्यादा मिसाइलें दागी।ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स इस हमले को इंतजाम करार दे रही है।सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई की हरी झंडी मिलने के बाद ईरान ने इजरायल पर हमला किया।हमले के बाद इजरायल ने ईरान से बदला लेने का ऐलान किया है।ईरान और इजरायल में युद्ध छिड़ने की संभावना बढ़ गई है।ईरान के सबसे बड़े नेता सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली होसैनी खामेनेई सुर्खियों में हैं।अयातुल्ला का नाता भारत से भी है।अयातुल्ला के पूर्वज उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के हैं।

ईरान के आध्यात्मिक नेता सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली होसैनी खामनेई के पूर्वज बाराबंकी जिले के किंतूर गांव के हैं।किंतूर गांव जिले की सिरौलीगौसपुर तहसील में है।किंतूर गांव में अयातुल्ला अली होसैनी खामनेई के दादा सैय्यद अहमद मूसवी हिंदी का साल 1790 में जन्म हुआ था।बाद में सैय्यद ईरान गए और खामनेई गांव में जाकर बस गए थे।

ईरान शिया बाहुल्य देश है।भारत में भी शिया मुस्लिम एक करोड़ से अधिक है।भारत के शिया मुस्लिम धार्मिक यात्रा के लिए ईरान और इराक जाते हैं।ईरान और इराक में शिया मुस्लिमों के पवित्र तीर्थ स्थान हैं।नबावी दौर में भारत के अवध इलाके में शिया मुसलमानों की आबादी अच्छी-खासी थी। इस समय भी सूबे की राजधानी लखनऊ और उसके आसपास शिया मुस्लिम बड़ी संख्या में रहता है। राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले के गांव किंतूर में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली होसैनी खामनेई के दादा सैय्यद अहमद मूसवी हिंदी रहा करते थे।

साल 1830 में अयातुल्ला खामनेई के दादा सैय्यद अहमद मूसवी 40 साल की उम्र में अवध के नवाब के साथ धार्मिक यात्रा पर इराक और फिर ईरान गए थे।ईरान जाने के बाद सैय्यद का ईरान से वापस लौटने का मन नहीं किया।सैय्यद वहां गांव खामेनेई में बस गए।खामेनेई गांव में बसने के बाद सैय्यद के बेटे अयातुल्ला मुस्तफा हिंदी का जन्म हुआ।साल 1902 में अयातुल्ला मुस्तफा हिंदी के घर उनके बेटे अयातुल्ला अली होसैनी खामनेई की पैदाइश हुई।बाराबंकी के किंतूर में बसे लोगों ने बताया कि अयातुल्ला रूहुल्ला खामनेई के दादा सैयद अहमद मूसवी हिंदी का जन्म 1790 में यहीं पर हुआ था।

बता दें कि ईरान के आध्यात्मिक नेता सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली होसैनी खामनेई ने पिछले दिनों भारत के खिलाफ विवादित बयान दिया था।अयातुल्ला ने एक्स पर पोस्ट करते हुए भारत के मुसलमानों पर उत्पीड़न होने का आरोप लगाया था।अयातुल्ला ने एक्स पर लिखा था कि यदि लोग म्यांमार, गाजा,भारत या किसी अन्य स्थान पर किसी मुस्लिम होने वाली पीड़ा के बारे में नहीं पता है तो खुद को मुसलमान नहीं मानना चाहिए।अयातुल्लाह अली होसैनी खामनेई के बयान का भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब देते हुए कहा था कि भारतीय मुसलमान पर बोलने से पहले उन्हें खुद के गिरेबान में झांक कर देख लेना चाहिए।

बता दें कि अयातुल्ला अली खामेनेई ईरान के आध्यात्मिक नेता और सुप्रीम लीडर हैं।अयातुल्ला एक पदवी है। 85 वर्षीय के अयातुल्ला को साल 1989 में ईरान के संस्थापक अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी की मृत्यु के बाद सर्वोच्च नेता चुना गया।तब से ईरान में उन्हीं की चलती है। अयातुल्ला का जन्म साल 1939 में ईरान के उत्तर-पूर्वी शहर मशहद में हुआ। अयातुल्ला के पिता शिया धार्मिक गुरु थे। अयातुल्ला की शुरुआती पढ़ाई लिखाई मशहद के मदरसों में हुई।इसके बाद अयातुल्ला क़ोम शहर चले गए,जिसे शिया बहुत पवित्र मानते हैं।

बता दें कि ईरान के संविधान के मुताबिक सुप्रीम लीडर या सर्वोच्च नेता इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की नीतियों के निर्धारक होते हैं।इसका मतलब है कि सुप्रीम लीडर ही ईरान की घरेलू और विदेशी नीतियों की दिशा और दिशा निर्धारित करते हैं।ईरान के संविधान में कहा गया है कि शिया मौलवियों का परिषद उस शख़्स को सुप्रीम लीडर चुनेगा,जिसे मरजा-ए-तक़लीद का पद हासिल हो।एक तरीके से यह शिया मौलवियों के बीच सबसे सर्वोच्च पद है।ईरान के सुप्रीम लीडर सशस्त्र बलों का कमांडर-इन-चीफ होता हैं और इस्लामिक रिपब्लिक के खुफिया और सुरक्षा अभियानों को कंट्रोल करता हैं।सुप्रीम लीडर ही किसी देश युद्ध या शांति की घोषणा कर सकते हैं। उनके पास न्यायपालिका,सरकारी रेडियो टेलीविजन नेटवर्क,इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के सर्वोच्च कमांडर को नियुक्त करने और बर्खास्त करने की शक्ति है।

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