इटावा सपा कार्यालय पर महाकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता करतें हुए सपा जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू ने कहा महर्षि वाल्मीकि जी ने सर्वप्रथम संस्कृत में रामायण की रचना की उन्होंने सूर्य, चंद्रमा, और नक्षत्रों का भी पूर्ण ज्ञान था उन्होंने प्रभु और ज्ञान की प्राप्ति के लिए कठिन तपस्या की थी, उनका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है. एक बार उनकी मुलाकात महान ऋषि नारद मुनि से हुई उन्होंने अपने कर्तव्यों की उनसे चर्चा की नारद जी के शब्दों से प्रेरित होकर उन्होंने तपस्या की और मरा शब्द का जाप किया जैसे जैसे उन्होंने कई वर्षों तक तपस्या की मरा शब्द राम बन गया नारद जी से ही उन्होंने शास्त्रों की शिक्षा ली थीकार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला महासचिव वीरू भदौरिया , उपाध्यक्ष आशीष राजपूत, अनवर हुसैन, सर्वेश शाक्य, उदयभान सिंह यादव, पं o रतन चौधरी, के के यादव , ब्रजवीर सिंह लाला, राजपाल यादव, नफीसूल हसन अंसारी, प्रवक्ता विक्की गुप्ता, अब्दुल अंसारी, फरियाद भारती, दीपी सिंह , शशी यादव, किशन यादव, राजकुमार यादव, शिव कुमार निषाद, , कमलेश चंद्र, जयवीर सिंह, महेश चंद्र, शिव शंकर यादव, सीताराम कश्यप, प्रदीप सोनी, मनोज राणा वाल्मीक, गोरखनाथ वर्मा, असलम अंसारी, मो अख्तर, हुकुम सिंह यादव, अंकुर यादव, अनुज यादव, दिलशाद पहलवान आनंद गोयल आदि शामिल हुए
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist