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सर्पदंश जागरूकता से बची आशुतोष की अमूल्य जान (सर्पदंश के बाद गंभीर हालत में जिला अस्पताल से सैफई किया गया था रिफर)

(झाड़ फूंक से जाती जान एंटीवेनम ही बचाए प्राण)


इटावा। जनपद के ग्राम देसरमऊ निवासी हरी शंकर चौबे के 32 वर्षीय पुत्र
आशुतोष चौबे को घर के एक कमरे में ही घुसे एक खतरनाक कोबरा सर्प ने काट लिया था जिसके बाद आशुतोष के घरवालों ने तत्काल जनपद के सर्पदंश विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी से फोन पर संपर्क किया तब डॉ आशीष ने रोगी को तत्काल जिला अस्पताल इटावा लाने की सलाह दी। घरवाले आशुतोष को जिला अस्पताल इमरजेंसी के कमरा नंबर 3 में लाए जहां वह लगातार उल्टियां कर रहा था और बेहोशी की हालत में भी जाने लगा था।

जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड मैं तैनात चिकित्सक डॉ ओम राजपूत द्वारा रोगी का जरूरी चिकित्सीय परीक्षण करने के बाद उसे जरूरी जीवन रक्षक दवा दी गई थी लेकिन हालत गंभीर होने के कारण रोगी को उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई पीजीआई भेजा गया जहां पर इमरजेंसी मैं ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों मैं डॉ विश्व दीपक के निर्देशन में डॉ अतुल कुमार मिश्रा एवम डॉ राजमंगल ने रोगी को जरूरी चिकित्सा प्रदान कर वेंटीलेटर पर रखकर एंटीवेनम देकर जान बचा ली। देर रात्रि तक चले लगातार इलाज के बाद अब आशुतोष को जनरल वार्ड में भी शिफ्ट कर दिया गया है अब वह बिल्कुल ठीक है और उसकी हालत भी सामान्य है।

आशुतोष की अमूल्य जान जनपद मैं सर्पदंश जागरूकता और सही समय पर सही इलाज मिलने से ही बचाई जा सकी है। आशुतोष के पिता हरी शंकर चौवे ने जानकारी देते हुए बताया कि, आशुतोष को सर्प ने सोते समय सिर मैं काट लिया था जिसके बाद उसे हम लोगों ने डॉ आशीष त्रिपाठी से उनके स्नेक बाइट हेल्पलाइन नम्बर 7017204213 पर संपर्क किया और डॉ आशीष की सलाह पर बेटे को तुरंत ही जिला अस्पताल लेकर भी आ गए।

सर्प दंश विशेषज्ञ डॉ आशीष ने बताया कि,जहरीले कोबरा करैत के दंश के बाद रोगी के पास सिर्फ एक घंटा (गोल्डन आवर) ही शेष होता है जिसमे उसे सुरक्षित इलाज मिल जाना चाहिए इस सर्प दंश के केस मै भी आशुतोष को एक घंटे के अंदर ही सुरक्षित इलाज मिलने से ही उसकी जान बचाई जा सकी है।

डॉ आशीष ने सभी से निवेदन किया है कि कोबरा करैत के सर्पदंश होने पर कृपया जल्द से जल्द जिला अस्पताल या सैफई पीजीआई ही जाएं और नि:शुल्क इलाज कराकर अपने परिजन की अमूल्य जान बचाए। सर्पदंश में झाड़ फूंक कराना जानलेवा है।

घटना के बाद हरी शंकर चौबे ने सर्पदंश विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी सहित जिला अस्पताल इटावा एवं पीजीआई के इमरजेंसी के चिकित्सकों की टीम का विशेष आभार प्रकट किया है।

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