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यूपीयूएमएस में मनाया गया राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मिर्गी के बारे में हमारी जागरूकता बढ़ाने का यही सही समय है – कुलपति

सैफई (इटावा) 20,नवंबर 2024। हर साल 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है 17 नवंबर को रविवार होने के कारण उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में मंगलवार को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया गया।

इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि मिर्गी एक आम न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसका उपचार प्रबंधन किया जा सकता है। इसीलिए समाज में लोगों तक हमारी जागरूकता बढ़ाने का यह सही समय है, मैं सभी चिकित्सकों व मेडिकल छात्र-छात्राओं से अपील करूंगा अपने आसपास के लोगों को जागरूक करें व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से मिर्गी के संबंध में जागरूकता वीडियो व उपचार प्रबंधन की जानकारी को अवश्य साझा करें जिससे कि जन सामान्य तक मिर्गी के संदर्भ में लोगों को जागरूक किया जा सके।

प्रति कुलपति एवं न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ रमाकांत ने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय मिर्गी दिवस की थीम “माइलस्टोन ऑफ माई एपिलेप्सी जर्नी”है जिसका उद्देश्य है जो लोग मिर्गी से पीड़ित हैं वह अपनी उपलब्धियों की यात्रा के बारे में सभी के साथ अपने अनुभव साझा करें जिससे लोगों को मिर्गी के बारे में सही इलाज की जानकारी मिले व वह तंत्र मंत्र में न पड़कर सही समय पर अपना इलाज शुरू करें। उन्होंने बताया कि मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति का बेहतर उपचार प्रबंधन किया जा सकता है जिससे वह अपना सामान्य जीवन बेहतर तरीके से जी सके।
न्यूरोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अजीम इमानी ने बताया कि मिर्गी से पीड़ित लोगों को चिकित्सीय सलाह के साथ नियमित रूप से दवा सेवन करें, बिना चिकित्सीय सलाह के दवा बंद ना करें और तंबाकू,धूमपान,शराब जैसे पदार्थों से दूरी बनाते हुए स्वस्थ जीवन शैली अपनानी चाहिए। उन्होंने बताया कि समाज में मिर्गी पीड़ित व्यक्ति के साथ आत्मीय व्यवहार करना आवश्यक है यह तभी संभव है जब लोग मिर्गी के संदर्भ में जागरूक बनेंगे और मिथकों को तोड़ेंगे। उन्होंने बताया कि यदि किसी को बार-बार दौरा पढ़ने, शरीर में झटके लगने,अस्थाई रूप से बेहोश हो जाना, सेंसेशन में बदलाव, बातचीत और समझने में दिक्कत, सुन्न महसूस होना, शरीर का तेज कांपना, आवाज कम हो जाना जैसे लक्षण दिखें तो वह सुपर स्पेशलिटी ओपीडी जी-1 जी-2 में आकर अवश्य दिखाएं और चिकित्सीय सलाह लें।
कार्यक्रम में कुल सचिव डॉ चंद्रवीर न्यूरोलॉजी विभाग से डॉ रूपेश, डॉ मिधुन, डॉ संदीप एवं सभी संकाय सदस्य और एमबीबीएस छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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