नई दिल्ली।विश्व के 9 देशों को परमाणु-सशस्त्र स्टेट्स का दर्जा प्राप्त है।इसमें चीन,फ्रांस,भारत,इस्राइल,नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान,रूस,यूके और अमेरिका शामिल हैं।ये देश परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण और उनके एक्सपेंशन पर अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं।एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में सभी 9 देशों ने कुल मिलाकर 91.4 अरब डॉलर इस पर खर्च किए जो हर सेकंड 3 हजार डॉलर ( लगभग 2 लाख 50 हजार रुपये) और हर मिनट 173,884 डॉलर (लगभग 1.45 करोड़ रुपये) है।
इंटरनेशनल कैंपेन टु अबोलिश न्यूक्लियर वेपन्स ने यह जानकारी दी है। न्यूक्लियर वेपन्स पर खर्च करने वाले देशों में अमेरिका सबसे आगे है। अमेरिका ने 51.5 अरब डॉलर (लगभग 4300 अरब रुपये) न्यूक्लियर वेपन्स के मॉर्डनाइजेशन और एक्सपेंशन पर एक साल में खर्च कर दिए। ये टोटल खर्च का 80 फीसदी है।
अमेरिका के बाद चीन का नंबर आता है। चीन ने पिछले साल 11.8 अरब डॉलर खर्च किए न्यूक्लियर वेपन्स पर। युद्ध में घिरा रूस भी परमाणु हथियारों पर खर्च करने में पीछे नहीं है। रूस ने पिछले साल 8.3 अरब डॉलर खर्च किए। यूनाइटेड किंगडम भी परमाणु हथियारों पर अपना खर्च बढ़ा रहा है। पिछले साल उसने 17 फीसदी खर्च बढ़ाया और 8.1 अरब डॉलर इस काम में फूंक डाले।
Ican का कहना है कि बीते 5 साल में न्यूक्लियर वेपन्स पर 387 अरब डॉलर खर्च किए गए हैं और हर साल यह खर्च 34 फीसदी बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार परमाणु शक्ति संपन्न सभी 9 देश लगातार अपने हथियारों को आधुनिक बना रहे हैं। कुछ उन्हें एक्सपेंड कर रहे हैं। रिपोर्ट की को-ऑथर एलिसिया सैंडर्स ने कहा है कि इन अमानवीय और विनाशकारी हथियारों पर खर्च में तेजी से ग्लोबल सिक्योरिटी में सुधार नहीं बल्कि उसे खतरा पैदा हो रहा है।
दिलचस्प यह है कि भारत का न्यूक्लियर वेपन्स पर पिछले साल खर्च 2.7 अरब डॉलर था। भारत इस्राइल, नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान से आगे था।
Author: मोहम्मद इरफ़ान
Journalist