Bharat News Today

सर्पदंश जागरूकता अभियान जनपद इटावा सावधान बरसात के साथ ही शुरू हो गई है जहरीले सर्पों की हलचल

घर,स्कूल,ऑफिस को साफ रखें : सर्पमित्र – डॉ आशीष त्रिपाठी (इटावा)


इटावा। बरसात में खेतों या खाली प्लाटों में बने बिलों में पानी भर जाने से विभिन्न प्रकार के सर्प खेतों या खाली बेकार पड़ी जगह के बिलों को छोड़कर जमीन से बाहर आने लगते है और अपने भोजन की तलाश में या नए सुरक्षित ठिकाने को भी तलाशते हुए आपके घर, स्कूल या ऑफिस में प्रवेश कर सकते है।

यही कारण है कि, प्री मानसून शुरू होते ही हमारे आस पास विभिन्न प्रकार के छोटे बड़े सर्पों की हलचल अक्सर ही बढ़ जाती है। लेकिन इन सबके बीच एक जरूरी बात यह भी है हर एक सर्प को देखकर हम सबको कभी घबराना भी नहीं चाहिए। क्यों कि,सभी छोटे बड़े सर्प जहरीले भी नहीं होते है अतः बेवजह ही न डरें न ही किसी सर्प को बेवजह ही मारें।

लेकिन अब एक बड़ा सवाल यह भी है कि,क्या हमारे आस पास दिखने वाले सभी सर्प जहरीले होते है?
तो जनाब इसका जवाब है बिलकुल भी नहीं।
क्यों कि,पूरे भारत में सिर्फ बिग फोर प्रजाति के 4 मुख्य सर्पों में कोबरा,करैत,रसल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाइपर को छोड़कर सभी सर्प विशेष जहरीले नही होते है अतः इनसे डरने या इन्हे अपने आस पास देखकर बेवजह घबराने या शोर मचाने की आवश्यकता नही है।

अब यदि वर्ष भर का विश्लेषण करें तो आप देखेंगे कि, जनपद इटावा में जहरीले सर्पों की प्रजाति में (शहरी क्षेत्र में) सिर्फ कोबरा और करैत सर्प की ही मौजूदगी है जिनमे स्पेक्टिकल कोबरा से करैत सर्प की संख्या कुछ कम है ।

अब एक महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि,कोबरा,करैत के साथ (इटावा के चम्बल क्षेत्र में पाया जाने वाला खतरनाक सर्प) रसल वाइपर ,(इटावा में न के बराबर दिखाई देने वाला छोटा सर्प) सॉ स्केल्ड वाइपर यदि
किसी को कभी काट भी ले तो उस समय हमे सबसे पहले क्या करना होगा

याद रखिए –

कोबरा,करैत या किसी वाइपर के काटने पर सिर्फ एंटीवेनम इंजेक्शन से ही उपचार सफल होता है झाड़ फूंक से सिर्फ आपके परिजन को मौत ही मिलती है।

अब ऐसे में आपको सिर्फ करना यह है कि,

सबसे पहले सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति या महिला के हाथ या पैर में हल्का बन्ध (अंगोछे से) कलाई या कोहनी के ऊपर लगा दें। पैर में काटा हो तो एड़ी और घुटने के ऊपर बांध दें फिर उसे बाई करवट लिटाकर बिना हिले डुले सीधे बिना किसी देरी के जिला चिकित्सालय इटावा (मोती झील अस्पताल ) के कमरा नंबर तीन में ले जाएं और चिकित्सक के अनुसार उपचार कराएं।

याद रहे विषहीन सर्पों के काट लेने पर एंटीवेनम नहीं दिया जाता है। सर्पों की सही और सरल पहचान करने के लिए इमरजेंसी वार्ड के कमरा नम्बर 3 में सर्पदंश पहचान का एक विशेष पोस्टर भी संस्था ओशन द्वारा पहले से लगा दिया गया है।

अब इस वाक्य को हमेशा याद रखें
👇
झाड़ फूंक से जाए जान, एंटीवेनम बचाये प्राण।

सांप काट ले तो तुरंत इस हेल्पलाइन पर संपर्क करें।

सर्पदंश सहायता हेल्पलाइन
👉 7017201213

खतरनाक बिग फोर सर्पों की प्रजाति में से किसी के भी काटने के बाद किसी भी अपने जानने वाले या अंधविश्वास में डूबे व्यक्ति के जोर देकर कहने या बरगलाने पर किसी भी गांव के ओझा/भगत से कोबरा करैत के दंश से पीड़ित व्यक्ति की झाड़ फूंक कराने पर 100% मौत होती है अतः अपने विवेक और बुद्धि का सही प्रयोग करें।

सर्प विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी की सभी को सलाह

सर्प दंश जागरूकता विषय पर जनपद इटावा में पिछले 7 वर्षों से रेस्क्यू के साथ साथ जागरूकता का महत्वपूर्ण कार्य कर रही संस्था “ओशन” के महासचिव, मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव एवम सर्प विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी का कहना है कभी भी सर्पदंश होने की दशा में अपने परिजनों की अमूल्य जान किसी भी अंधविश्वास में पड़कर मत गंवाईये क्यों कि,आपके परिजनों का जीवन अमूल्य है और सर्पदंश के केस में रोगी को काट लेने के एक घण्टे के अंदर ही इलाज मिलना सबसे आवश्यक होता है। अतः किसी जहरीले सर्प के काट लेने पर कृपया इधर उधर न भटकें बल्कि,सीधे जिला अस्पताल जाकर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में ही अपना इलाज करवाये और सुरक्षित रहें।

सर्पों को क्यों न मारे यह भी समझ लीजिए

सर्प पृथ्वी पर करोड़ों वर्षों से हम सबके साथ रहते चले आए है और वे सिर्फ हमारे आपके घरों और खेतों में घूमने वाले चूहों को ही खाने के लिए आते है। अब यदि आप खाद्य श्रृंखला को समझे तो देखेंगे कि,चूहे सर्पों का मुख्य भोजन भी है। और चूहे हमारे अनाज, कपड़े, किताबें, सामान आदि का बड़ा नुकसान करते है।
किसानों के खेतों में घुसे चूहे फसल की उत्पादकता को घटा देते है जिन्हें केवल सर्प ही खाकर प्रकृति में प्राकृतिक रूप से कंट्रोल कर सकते है। इसलिए कृपया सर्पों को बिलकुल भी न मारें । और हां सर्प कभी भी आप पर हमला नहीं करते है न ही काटते है जब तक की आप उन्हें वेवजह परेशान न करें या उनपर अपना पैर न रखें।

हर जीव में परमात्मा का वास है अतः उनका सम्मान करें।

Leave a Reply

यह भी पढ़ें

टॉप स्टोरीज

Gold & Silver Price